Festivals
-
धनतेरस 2018 : जानें धनतेरस पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन चाँदी खरीदने की विशेष परंपरा है। चांदी को लेकर ये धारणा है कि चाँदी मनुष्य को जीवन में शीतलता प्रदान करता है। चांदी को चंद्रमा का प्रतीक माना गया है। धनतेरस के दिन चाँदी खरीदना शुभ इस लिए भी माना गया है क्यों कि चांदी कुबेर की धातु है और धनतेरस पर चाँदी खरीदने से घर में यश, कीर्ति, ऐश्वर्य और संपदा की वृद्धि होती है।
-
दिवाली 2018 : दीपावली पूजन विधि और मुहूर्त
दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त पर अगर आप पूजा करते है तो पूजा का फल अवश्य मिलता है। तो आइये जानते है क्या है इस साल दिवाली का शुभ मुहूर्त।
-
तो ऐसे कि थी 'वाल्मीकि' ने रामायण की रचना
हर वर्ष आश्विन माह की पूर्णिमा को महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिन मनाया जाता है। महर्षि वाल्मीकि वैदिक काल के महान ऋषि हैं। उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण की रचना की थी।
-
अगर आप भी कर रहीं है करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान
करवा चौथ के दिन महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखने के बाद रात्री में चंद्रमा का पूजन, दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करती है।
-
दशहरे से जुड़ी पौराणिक कथाएं
यह पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। आज भी कई बुराइयों के रूप में रावण हमारे बीच जिंदा है। बेईमानी, हिंसा, भ्रष्टाचार, यौन हिंसा और यौन शोषण जैसी कई बुराइयां हमारे समाज को खोखला कर रही है। रावण दहन के दिन हमे तमाम बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए।
-
पूजा के दौरान क्यों किया जाता है शंख का इस्तेमाल ?
हिन्दू शास्त्रों में शंख का बहुत बड़ा ही महत्व है इसका इस्तेमाल पूजा के प्रारंभ व अंत में किया जाता है। शंख की आवाज लोगं में सकारात्मक का विचार पैदा करती है।
-
नवरात्रि के 9 दिनों में भूल कर भी ना करें ये काम
नवरात्रि में नौ दिनों के व्रत के दौरान खाने में कुट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली का सेवन कर सकते है।
-
नवरात्री में माँ दुर्गा की पूजा और कलश स्थापना करने की विधि
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा के दिन ही कलश की स्थापना की जाती है। यह कलश पुरे नौ दिन तक निर्धारित स्थान पर रखा जाता है। पुरे 9 दिन तक इसी कलश के पास भक्त गण माता दुर्गा के सभी नौ रूपो की पूजा व अर्चना करते है।
-
24 सितंबर से शुरु हो रहा है पितृपक्ष, जाने इससे जुड़ी रोचक बातें
ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान जिन घरों में पितरों को याद किया जाता है उस घर में हमेशा ही खुशहाली बनी रहती है। श्राद्ध को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 24 से 8 अक्टूबर तक श्राद्धपक्ष रहेगा।
-
हरतालिका तीज का महत्व, जाने क्यों करती है महिलाएं ये व्रत
हिन्दू धर्म में हरतालिका तीज का बहुत बड़ा महत्व है। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए करती है।
-
आखिर किस दिन है जन्माष्टमी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त
इस बार जन्माष्टमी दो दिन पड़ रही है. ब्राह्मणों के घरों और मंदिरों में 2 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी, जबकि वैष्णव सम्प्रदाय को मानने वाले लोग 3 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाएंगे.
-
जन्माष्टमी से जुड़ी है ये पौराणिक कथा
इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2 सितम्बर को मनाई जाएगी। अत्यचारी कंस का वध करने के लिए श्री कृष्ण ने अपना अवतार श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि के दौरान हुआ था।