अरुण जेटली जीवन परिचय

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अरुण जेटली जीवन परिचय

भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का सुझाव देने वाले अरुण जेटली पहले व्यक्ति ।
Aug 19, 2019, 3:53 pm ISTLeadersAazad Staff
Arun Jaitley
  Arun Jaitley

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वृत्त मंत्री अरुण जेटली एक अनुभवी राजनेता के साथ-साथ जाने-माने वकील भी हैं। इनका जन्‍म २८  दिसंबर १९५२ को नई दिल्‍ली के नारायणा विहार इलाके के मशहूर वकील महाराज किशन जेटली के घर हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्‍ली के सेंट जेवियर स्‍कूल में हुई। १९७३ में इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्‍नातक की पढ़ाई पूरी की और लॉ की पढ़ाई करने के लिए १९७७ में दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में लॉ विभाग में दाखिला ले लिया। इस दौरान वे पढा़ई के साथ साथ शिक्षण व अन्‍य कार्यक्रमों में भी भाग लेते रहे। इन्हें १९७४ में दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थी संघ के अध्‍यक्ष के रुप में चुना गया। और यहीं से उनके राजनीतिक करियर की भी शुरुआत हो गई।

सन्  १९७५ -७७ में १९ महीनों  तक आपातकाल के दौरान नजरबंद रहने के बाद आप जनसंघ में शामिल हो गए। १९७७ से उच्चतम न्यायालय तथा देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में  इन्होंने वकालत भी की। १९७३ में उन्होंने जयप्रकाश नारायण और राजनारायण द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्‍टाचार विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई।  अरुण जेटली ने बोफोर्स घोटाले में भी जांच के लिए कागजी कार्रवाई कर अहम योगदान दिया ।

सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले उन्होंने देश के कई उच्‍च न्‍यायालयों में अपनी तैयारी पूरी की। १९९० में अरुण जेटली ने उच्‍चतम न्‍यायालय में वरिष्‍ठ वकील में रूप में अपनी नौकरी शुरू की।जेटली ने  लॉ के कई लेख लिखे और वर्तमान में भी कई तरह के केस उच्‍चतम न्‍यायालय में लड़े। जेटली ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे कि- कोका कोला, पेप्सिको, इत्यादि की ओर से वकालत की। सन् १९८९ में अरुण अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए। हालांकि जून २००९ से जेटली ने वकालत करना बंद कर दिया है।

१९९१ में वे अरुण जेटली भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। १३ अक्टूबर १९९९ को जेटली सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। उन्होंने २३ जुलाई २००० को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।

२००६ में अरुण जेटली गुजरात से राज्‍यसभा के सदस्‍य बने और वर्तमान में वे राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता हैं जिन्‍हें लालकृष्‍ण आडवाणी द्वारा पार्टी के जनरल सेक्रेटरी पद से इस्‍तीफा देने के बाद य‍ह जिम्‍मेदारी दी गई।

अरुण जेटली  २००२ के गुजरात विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। अरुण जेटली ने ही २०१४ में भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का सुझाव सबसे पहले दिया था।

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