Saturday, Nov 23, 2024 | Last Update : 10:53 AM IST
देश के पहले असली कौशल विश्वविद्यालय- भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने ‘प्रिंसिपल समिट - २०१९ का आयोजन किया, जिसमें ३०० स्कूलों के प्राचार्यों ने हिस्सा लिया। प्रिंसिपल समिट के आयोजन का मुख्य उद्देश्य १० ऐसे स्कूलों की पहचान करना और उन्हें अपनाना है, जहां कौशल कार्यक्रमों को शामिल किया जा सकता है और जिनमें और शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं। साथ ही, स्कूलों या संस्थानों के प्राचार्यों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझना और उनका समाधान प्रस्तुत करना भी इस सम्मेलन में एजेंडे में शामिल था। इसी दिशा में अगला कदम उठाते हुए भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने आईटीआई/११वीं/१२वीं की पढ़ाई के दौरान युवाओं में कौशल को बढ़ाने के लिए ऐसे छात्रों को पहले ही प्रवेश देने का निर्णय किया है। समिट में भाग लेने वाले प्रिंसिपल दूदू ब्लॉक के हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय में पेश किए जाने वाले कौशल प्रशिक्षण और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देने के लिए बीएसडीयू में आमंत्रित किया गया था।
बीएसडीयू ने कौशल शिक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है, जिसके तहत विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में विश्व स्तरीय मशीनरी के साथ-साथ संबंधित उद्योग में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है और इसी क्रम में स्विस ड्युअल सिस्टम को अपनाया जाता है। डॉ राजेंद्रकुमार जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के दिमाग की उपज बीएसडीयू में सर्वश्रेष्ठ पाठ्यक्रमों के माध्यम से अध्ययन कराया जाता है और इस तरह बीएसडीयू ने राजस्थान में कौशल विकास के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। बीएसडीयू अपने प्रयास में स्विस ड्यूल सिस्टम ऑफ स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाने और देश में कौशल शिक्षा शुरू करने के लिए एक प्लेटफॉर्म देने की कोशिश करेगा। उनके प्रयासों के अनुरूप बीएसडीयू अपने स्किलिंग सिस्टम को प्रदर्शित करता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रशिक्षकों के सहयोग से विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे, मशीनरी और उपकरणों के साथ संचालित किया जाता है।
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. (ब्रि) सुरजीतसिंह पाब्ला कहते हैं, “शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और आजीवन शिक्षा- ये तीनों रोजगार के आधार हैं। भविष्य में रोजगार के लिए तैयार कर्मचारियों को सक्षम बनाने के लिए युवाओं को आवश्यक कौशल और शिक्षा से लैस करने की आवश्यकता है। बेहतर नौकरियों के लिए, ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन बहुत महत्वपूर्ण है और सबसे अच्छी बात यह है कि अब छात्रों के पास अलग-अलग स्किल में ट्रेंड होने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री ( बी. वोक ) हो सकती है, जो उनके लिए करियर के विकास के नए रास्ते और संभावनाएं खोलती है। और अब पढ़ाई के दौरान ही छात्रों को पूर्व प्रवेश देते हुए बीएसडीयू का प्रयास है कि युवाओं को पहले से ही निपुण बना दिया जाए, ताकि हमारा देश दुनिया के मुकाबले खडा हो सके। मैं सभी प्राचार्यों को बेहतर भविष्य के लिहाज से इस कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के लिए बधाई देना चाहता हूं और उम्मीद करता हूं कि इससे राजस्थान के शिक्षा परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव नजर आएगा।‘‘
प्रिंसिपल समिट- २०१९ का उद्देश्य, गोद लिए गए विद्यालयों और आईआईटी को अकादमिक सुविधाएं प्रदान करने में मदद करना है। इससे इन विद्यालयों के छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान हासिल करने का अवसर मिलेगा। छात्र उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन किए गए पाठ्यक्रम के माध्यम से सीख सकेंगे। छात्रों को स्विस प्रशिक्षकों के साथ बीएसयूडी के वरिष्ठ संकाय सदस्यों के साथ बातचीत के माध्यम से एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्राप्त होगा और उद्योगों में ट्रेनिंग के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त होगा। छात्रों को विश्वविद्यालय के साथ परिचित होने के लिए बीएसडीयू परिसर में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा, सप्ताहांत में छात्रों के लिए संबंधित स्कूलों में अंग्रेजी, पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और तकनीकी कक्षाओं पर व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे।
डॉ राजेंद्र जोशी द्वारा स्थापित बीएसडीयू कौशल विकास में अग्रणी है। उनका मानना है कि किसी भी देश के लोगों द्वारा पूर्ण कौशल उत्कृष्टता हासिल करने के बाद ही कोई देश सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है। बीएसडीयू ड्यूल सिस्टम ऑफ स्किल्स एजुकेशन (स्विस ड्यूल सिस्टम) की एक अनूठी अवधारणा पर काम करता है, जहां सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ कस्टमाइज्ड इंडस्ट्रियल टेªनिंग पर खास तौर पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
श्री बाबुलाल नागर, विधायक, दूदू, बीएसडीयू के चीफ रजिस्ट्रार प्रो अचिंत्य चैधरी, डायरेक्टर-एडमिशंस डॉ. रवि गोयल, डीन डॉ. कुमकुम गर्ग और प्रोवोस्ट कर्नल रवि गोसाईं ने भी अपनी मौजूदगी के साथ इस कार्यक्रम की गरिमा बढाई।
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