Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 11:25 PM IST
अटल बिहारी जी ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत सन 1951 में ‘भारतीय जनसंघ’ पार्टी के एक कार्यकुशल सदस्य के तौर पर अपनी राजनीतिक यात्रा का शुभआरंभ किया था। सन 1957 ई में पहली बार अटल जी ने लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। अटल जी का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार रहा है। उनके विपक्ष के साथ भी हमेशा सम्बन्ध मधुर रहे। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में विजयश्री के साथ बांग्लादेश को आजाद कराकर पाक के 93 हजार सैनिकों को घुटनों के बल भारत की सेना के सामने आत्मसमर्पण करवाने वाली देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी को अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में दुर्गा की उपमा से सम्मानित किया था।
सन 1975 में इंदिरा गाँधी द्वारा आपातकाल लगाने का अटल जी ने खुलकर विरोध किया था। आपातकाल की वजह से इंदिरा गाँधी को 1977 के लोकसभा चुनावों में करारी हार झेलनी पड़ी जिसका फायदा बीजेपी पार्टी को मिला।
सन 1979 ई. में जनता पार्टी के कई टुकड़े हुए और एक बार फिर देश में घोर अवसाद एवं नैराश्यपूर्ण वातावरण का निर्माण होने लगा और ऐसे ‘भारतीय जनता पार्टी ‘ की स्थापना की,और इस पार्टी के प्राणपुरुष सह मेरुदंड बने।
1980 में जनता पार्टी के टूट जाने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने सहयोगी नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
फिर क्या था मानों देश में परिवर्तन की बयार चल पड़ी और सन 1996 में बीजेपी ने कांग्रेस को करारी मात दी और बीजेपी सत्ता में आई। इस दौरान अटलजी ने पहली बार इस देश के प्रधानमंत्री पद संभाला। हालाँकि उनकी यह सरकार महज 13 दिन ही चली। लेकिन 1998 के चुनाव में देश की जनता ने फिर वाजपेयीजी की योग्यता पर अपना भरोसा जताया और अटलजी के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी। अटलजी के इस कार्यकाल में भारतवर्ष परमाणुशक्ति-संपन्न राष्ट्र बना।
अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान से संबंधों में सुधार की पहल की और पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू कराई।कारगिल युद्ध में विजयश्री के बाद हुए 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 13 दलों से गठबंधन करके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के रूप में सरकार बनायी और इस बार वाजपेयी की सरकार ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूर्ण किया।
वैसे तो अटलजी ने सक्रिय राजनीति को भले ही अलविदा कह दिया हो प्रत्युत उनके योगदान की गौरव-गाथा आज भी राजनीति में एक अलग ही प्रकाश डालती है।
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