क्या है, तीन तलाक बिल? २०१९ महिला अधिकार संरक्षण कानून

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क्या है, तीन तलाक बिल? २०१९ महिला अधिकार संरक्षण कानून

तीन तलाक बिल को राज्य सभा में पास कर दिया गया है। राज्यसभा में बिल के समर्थन में ९९ वोट पड़े, जबकि विरोध पक्ष की तरफ से ८४ वोट दिए गए ।
Jul 31, 2019, 10:18 am ISTNationAazad Staff
Triple Talaq
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केंद्र की मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक बिल को लोकसभा के साथ साथ अब राज्यसभा से भी पास करा दिया है। तीन तलाक बिल २०१९ महिला अधिकार संरक्षण कानून) पर संसद के दोनों सदनों की मुहर लग चुकी है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की अंतिम मुहर लगनी बाकी है। राष्ट्रपति  की मुहर लगते ही तीन तलाक कानून देश भर में प्रभावी हो जाएगा। इसके बाद एक समय में अपनी पत्नी को तलाक-तलाक-तलाक कहना अपराध होगा और आरोपी को तीन साल तक कैद और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

तीन तलाक देने पर ये हैं प्रावधान

. मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से कोई पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। 

. महिला अधिकार संरक्षण कानून २०१९ बिल के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है। इसीलिए पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है।

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. एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है। इतना ही नहीं मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी।

. मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे।

. पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है इसकी रकम मजिस्ट्रेट तय करेगा

.तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी व रखवाली मां के पास रहेगी।

नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है। हालांकि पत्नी के पहल पर ही समझौता हो सकता है, लेकिन मजिस्ट्रेट के द्वारा उचित शर्तों के साथ.

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