बाल गंगाधर तिलक एक स्वतंत्र सेनानी

Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 11:06 PM IST

बाल गंगाधर तिलक एक स्वतंत्र सेनानी

भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानी का निधन 1 अगस्त 1920 को मुम्बई में हुआ।
May 12, 2018, 12:34 pm ISTLeadersAazad Staff
Bal Gangadhar Tilak
  Bal Gangadhar Tilak

बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई, सन् 1856  को भारत के रत्नागिरि नामक स्थान पर हुआ था। बालगंगाधर तीलक का पूरा नाम 'लोकमान्य श्री बाल गंगाधर तिलक' था। तिलक का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम  'श्री गंगाधर रामचंद्र तिलक' था। इनके पिता अपने समय के अत्यंत लोकप्रिय शिक्षक थे। उन्होंने 'त्रिकोणमिति' और 'व्याकरण' पर पुस्तकें लिखीं जो प्रकाशित हुईं।

मात्र 16 वर्ष की उम्र में बालगंगाधर जी के सर से पिता का साया उठ गया। तिलक ने प्लेग की बीमारी के दौरान देशवासियों की जो सेवा की, उसे भी नहीं भुलाया जा सकता। जैसे ही पूना में प्लेग के लक्षण प्रकट हुए उन्होंने 'हिन्दू प्लेग अस्पताल' शुरू किया और कई दिनों तक इसके लिए धन जुटाने का कार्य किया। जहाँ पूना के अधिकांश नेता नगर छोड़कर भाग गए थे, तिलक वहीं रहे। उन्होंने लोगों को दिलासा व भरोसा दिलाया।

बालगंगाधर तिलक ने दो समाचार पत्र की स्थापना की इनमें हिंदी में केसरी और अंग्रेज़ी में द मराठा, के माध्यम से लोगों की राजनीतिक चेतना को जगाने का काम शुरू किया। इन समाचार पत्रों के ज़रिये ब्रिटिश शासन तथा उदार राष्ट्रवादियों की, जो पश्चिमी तर्ज़ पर सामाजिक सुधारों एवं संवैधानिक तरीक़े से राजनीतिक सुधारों का पक्ष लेते थे, कटु आलोचना के लिए वह विख्यात हो गए। उनका मानना था कि सामाजिक सुधार में जनशक्ति खर्च करने से वह स्वाधीनता के राजनीतिक संघर्ष में पूरी तरह नहीं लग पाएगी।

तिलक गरम दल के नेता थे। तिलक का लक्ष्य स्वराज था, उन्होंने कांग्रेस को अपने उग्र विचारों को स्वीकार करने के लिए राज़ी करने का प्रयास किया। राष्ट्रवादी शक्तियों में फूट का लाभ उठाकर सरकार ने तिलक पर राजद्रोह और आतंकवाद फ़ैलाने का आरोप लगाया जिसके बाद उन्हें छह साल के लिए कारावास की सज़ा दी गई।

...

Related stories

Featured Videos!