Monday, Dec 23, 2024 | Last Update : 08:21 AM IST
स्वतन्त्रता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा ।” ब्रिटिश हुकूमत के सामने। बाल गंगाधर तिलक पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होने पूर्ण स्वराज की मांग की थी। वे राज्द्रोह के सबसे खतरनाक अग्रदूत भी कहे जाते थे। इनका जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था।
महाराष्ट में व्यापक स्तर पर मनाया जाने वाले "गणेश उत्सव" की शुरुआत तिलक ने ही जनता में राष्ट्रीय भावना जागृत करने के लिए की थी |
उन्होने मराठी में मराठा दर्पन और केसरी नाम से दो समाचार पत्र की शुरुआत की जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुए तिलक अपने समाचार पत्रों में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत पर कर रहे अत्याचारों का खंडन करते थे। जिसके कारण उन्हे कई बार जेल भी जाना पड़ा था।
बाल गंगाधर तिलक संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे । ’गीता रहस्य' तथा 'आर्कटिक होम ऑफ़ वेदाज' इनकी प्रसिद्ध पुस्तके हैं, जो लोकमान्य तिलक ने जेल में लिखी थीं | तिलक के जेल से छूटने के पश्चात् जब उनका गीता रहस्य प्रकाशित हुआ तो उसका बहुत तीव्र गति से प्रचार-प्रसार हुआ। 20 अगस्त 1919 में वीर स्वतंत्रता सेनानी का मुम्बई में निधन हुआ।
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा मैं लोकमान्य तिलक के लिए शीश झुकाता हूं। उन्होंने अनगिनत भारतीयों के बीच देशभक्ति की चमक को उजागर करने के साथ सभी वर्गों से लोगों को संगठित किया। हमारे नागरिकों और भारत के गौरवशाली अतीत के बीच संबंध को गहरा करते हुए शिक्षा पर भी जोर दिया। वहीं महान आजाद के लिए लिखा कि चंद्रशेखर आजाद को मेरी श्रद्धांजलि। भारत माता के एक बहादुर पुत्र ने देश को आजाद कराने के लिए खुद को त्याग दिया। भारतीयों की पीढ़ी उनके साहस से प्रेरित है।
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