Sunday, Nov 24, 2024 | Last Update : 09:22 AM IST
सरला ठकराल भारत की पहली विमान उड़ाने वाली महिला थी जिनका जन्म १९१४ में हुआ और उन्होंने मात्रा २१ साल की उम्र में सरला ने पॉलेट का लाइसेंस अर्जित किया , जब उन्होंने पॉयलेट का लाइसेंस लिया और अपनी पहली फ्लाइट उड़ाई तब उनकी बेटी सिर्फ चार साल की थी | उनकी शादी १६ साल की उम्र में पी डी शर्मा से हुई उनके पति पी डी शर्मा भारत के पहले एयरलाइन पायलट भारतीय थे | उनकी सफलता के पीछे उनके पति तथा ससुर का बहुत साथ था |
उसने एक साड़ी में कॉकपिट में कदम रखा ,सरला ने एक जिप्सी मॉथ के कॉकपिट में प्रवेश किया और भारत की पहली महिला पायलट के रूप में एक इतिहास बनाया। सरला ने 1000 घंटे की उड़ान भरने के बाद अपना 'ए' लाइसेंस प्राप्त किया |
दुर्भाग्य से, सन १९३९ में एक विमान दुर्घटना में कैप्टन शर्मा का निधन हो गया। सरला ठकराल २४ साल की उम्र में विधवा हो गयी यह एक दुखद समाचार था सरला ठकराल के लिये|
कुछ समय बाद, सरला ठकराल ने अपने वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग के लिए आवेदन करने की कोशिश की, लेकिन उस समय द्वितीय विश्व युद्ध की परिस्थि बानी हुई थी गया और नागरिक प्रशिक्षण को निलंबित कर दिया गया।
ऐसे कठिन परिस्थति में सरला ठकराल ने अपनी बच्ची को पालने और अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए, ओर तथा आजीविका अर्जित करने की आवश्यकता के साथ, ठकराल ने एक वाणिज्यिक पायलट बनने के लिए अपनी योजनाओं को छोड़ दिया, लाहौर से लौटकर सरला जी ने मेयो स्कूल ऑफ आर्ट में भाग लिया जहां उन्होंने बंगाल के पेंटींग स्कूल में प्रशिक्षित किया, ललित कला में डिप्लोमा प्राप्त किया।
सरला ठकराल आर्य समाज की एक समर्पित अनुयायी थी और आर्य समाज को बहुत मानती थी , उन्हे वैदिक शिक्षा का भी अच्छा ज्ञान था ।
इस समुदाय के भीतर, पुनर्विवाह ठकराल के लिए एक संभावना थी। वहा उनकी मुलाकात आर पी ठाकल से हुई | सं १९४८ में उनकी दोबारा शादी आर पी ठाकल से की |
देश के विभाजन के बाद वह अपनी दो बेटियों के साथ दिल्ली चली गई , सरला, जिसे माटी के रूप में भी जाना जाता है, एक सफल व्यवसायी, चित्रकार थी |
उन्होंने अपने बाद के वर्षों में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लिए गहने बनाने, साड़ी डिजाइनिंग, पेंटिंग और डिजाइनिंग सफलतापूर्वक की। उनके एक ग्राहक विजयलक्ष्मी पंडित जी भी थे|
सन २००८ १५ मार्च को सरला ठकराल की मृत्यु हो गई|
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