नवाज शरीफ की गद्दी गई, पढ़िए क्‍या है `पनामा पेपर लीक मामला`?

Friday, May 17, 2024 | Last Update : 09:50 AM IST


नवाज शरीफ की गद्दी गई, पढ़िए क्‍या है `पनामा पेपर लीक मामला`?

10 जुलाई को पनामा मामले की जांच कर रहे 6 मेंबर्स जो कि जेआईटी के हैं अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दे दी थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने यह क्लियर किया था कि 1990 में पीएम शरीफ ने और उनकी फैमिली ने लंदन में कुछ प्रॉपर्टीज खरीदी थी।
Jul 29, 2017, 5:47 pm ISTWorldAazad Staff
पनामा पेपर लीक मामला
  पनामा पेपर लीक मामला

नवाज शरीफ की गद्दी गई, पढ़िए क्‍या है `पनामा पेपर लीक मामला`?
10 जुलाई को पनामा मामले की जांच कर रहे 6 मेंबर्स जो कि जेआईटी के हैं अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दे दी थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने यह क्लियर किया था कि 1990 में पीएम शरीफ ने और उनकी फैमिली ने लंदन में कुछ प्रॉपर्टीज खरीदी थी। रिपोर्ट में इस बात को भी साबित किया गया है कि वह प्रॉपर्टीज जो उन्होंने लंदन में खरीदी थी, वह शरीफ और उनके बच्चों की लाइफ स्टाइल और उनकी सैलरी से कहीं ज्यादा कीमती थी। फिर जब इसका जवाब शरीफ के तरफ से मांगा गया तो उन्होंने कहा, कि यह आरोप बेबुनियाद है और जेआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी।

पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आरोपी ठहराया है। उनके ऊपर आपराधिक मामले की जांच होगी। शरीफ के परिवार ने विदेश में बहुत सारी कीमती संपत्ति खरीदी हुई है, जिसके आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट ने जेआईटी के गठन को सौंप दी थी।  जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट को 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सौंप दिया था। चलिए अब हम आगे जानते हैं कि, पनामा पेपर लीक मामला आखिर में है क्या, और नवाज शरीफ के परिवार और उन पर लगे आरोप कौन-कौन से हैं?

यह है पूरा मामला
असल में पनामा पेपर्स जो कि लीक हुआ है, उसके दस्तावेजों को सामने लाने में सबसे अहम भूमिका अमेरिका में स्थित एक एनजीओ के पत्रकारों की है, जो कि अंतरराष्ट्रीय महासंघ के हैं। अंतरराष्ट्रीय महासंघ यानी कि आईसीआईजे ने बहुत ही गहराई के साथ इन दस्तावेजों को खोज निकाला और उनकी छानबीन की। आईसीआइजे ने इस बात के बारे में बताने से मना कर दिया कि उनके किस सूत्र ने इन दस्तावेजों को उनके हवाले किया था।

जहां नवाज शरीफ की संपत्ति का खुलासा हुआ वही उनके साथ कई बड़े फिल्मी सितारे और खेल जगत की जानी मानी हस्तियां उनकी भी संपत्ति का खुलासा हुआ, और उनके अलावा कुछ और 140 लोगों की संपत्ति के बारे में पता चला। आपको जानकर हैरानी होगी कि पनामा पेपर्स लीक मामले में कुछ लोगों का हाथ भारत में से भी है। उनका भी नाम सामने आया है।

40 साल का डेटा
1977 से लेकर 2015 तक जितने भी डाटा है वह सब जांच में सामने आए हैं। जर्मनी के एक अख़बार में इस बात की पुष्टि की है कि पनामा पेपर लीक मामले में जितने भी डाटा है, अगर उनकी गणना की जाए तो वह 2.6 टेराबाइट डाटा है। इसकी लगभग 600 DVD बन सकती है। शरीफ़ के साथ-साथ अन्य लोगों ने भी टैक्स हैवन कंट्रीज में अपने पैसे इन्वेस्ट किए थे।

जिनमें से उन संपत्तियों से कुछ कंपनियां बनाई गई- जैसे कि शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन। क्योंकि इन सब में इन्वेस्ट करने से टैक्स बच जाता है। इसलिए शरीफ समेत कई लोगों ने इनमें अपना पैसा इन्वेस्ट किया और अपना पैसा बचाया।

नवाज और उनके परिवार पर आरोप
जहां नवाज शरीफ का इन आरोपों में हाथ था। वही उनके परिवार वालों का भी इन आरोपों में कम हाथ नहीं था। उनके बेटे  हुसैन और हसन ने भी इन आरोपों में बराबर साथ दिया और साथ ही में उनकी बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हैवन में सबसे नामदार आइलैंड ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में चार कंपनियां शुरू की थी। इन कंपनियों को शुरू करने के बाद इन सब ने लंदन में बड़ी-बड़ी कीमती प्रॉपर्टी खरीदी। प्रॉपर्टीज खरीदने के बाद शरीफ के परिवार ने इस प्रॉपर्टी को गिरवी रख दिया, और उसके बाद डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए लोन ले लिया। कुछ दिन के बाद उनके परिवार ने दो अपार्टमेंट खरीदें जिसमें उनका साथ दिया बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने।

इस मामले की जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरोप लगाया है कि नवाज और उनके परिवार में ऐसे बहुत सारे कारोबार और प्रॉपर्टीस खरीदें जिसकी इनकम बिल्कुल भी क्लियर नही थी।जितनी भी हमने आपको उपर प्रॉपर्टी बताई, वह उनकी तब सामने आई जब पनामा पेपर लीक हुआ। उनके प्रॉपर्टीस की सारी मैनेजमेंट शरीफ के परिवार के मालिकाना हक की एक विदेशी कंपनियां करती थी। शरीफ के 8 मामलों में उनके लंदन से जुड़े चार अपार्टमेंट भी शामिल हैं। जिसका खुलासा 1999 में नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर में किया था।

इस तरह के विदेशी खातों का मतलब
अब आपको बताते हैं कि विदेशी खातों का मतलब क्या होता है? असल में जो भी बड़ी हस्तियां अपना निवेश बाहर के देशों में करती हैं, या फिर अपना खाता बाहर के देशों में रखते हैं। उनका एक तरह से यह मकसद होता है कि उन्हें वित्तीय और कानूनी लाभ मिल जाते हैं। यह विदेशी खाते ज्यादातर उन देशों में खोले जाते हैं जिन्हें टैक्स हैवन माना जाता है, और इन खातों में पैसे इसलिए रखे जाते हैं ताकि उन्हें देश के बैंकिंग सिस्टम के नजर से बचाव मिल जाए और उनकी नजर से बच कर वह अपने पैसे बाहर ले जाएं। उन्हें टेक्स्ट भी ना देना पड़े। ज्यादातर यह पैसे टैक्स सेविंग के लिए बाहर के देशों में रखे जाते हैं।

लिस्ट में और किसका नाम
वैसे तो पनामा पेपर लीक मामले में बहुत से लोगों का नाम आया है, परंतु जो बहुत ही जानी मानी हस्तियां है उनका नाम है- आइसलैंड के प्रधानमंत्री, यूक्रेन के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के राजा और डेविड कैमरन के पिता इन सबका नाम ज्यादा महत्वपूर्ण है। इन सबके अलावा लिस्ट में और भी लोगों का नाम है- जैसे किव्लादिमीर पुतिन के करीबियों, अभिनेता जैकी चैन और फुटबॉलर लियोनेल मेसी उनके नाम भी शामिल हैं। पनामा पेपर मामले में इन हस्तियों के नाम शामिल जरूर है परंतु ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है की इन्होंने गैरकानूनी कोई काम किया है।

तो यह था पनामा पेपर लीक मामला और उनसे जुड़े कुछ लोगों के नाम। इनके बारे में हमने आपको विस्तार से बता दिया है। अब नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है और उनके ऊपर अपराधिक आरोप लगाकर जांच बिठाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके साथ साथ उनके परिवार के ऊपर भी आपराधिक आरोप लगाया है और जांच करने का फैसला सुनाया है।

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