Monday, Dec 23, 2024 | Last Update : 09:26 PM IST
9 रन से हार कोई बड़ी बात नहीं होती है परंतु उस दिन जिस टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया उसकी जीत हुई। भारतीय लड़कियों को और बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था लेकिन अंत मे जीत तो किसी एक ही टीम की होनी थी।
भारतीय टीम की कप्तान मिताली राज और उनके बाकी सभी साथियों ने टूर्नामेंट में शानदार और बेहतरीन प्रदर्शन किया था। ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हरा दिया था, हलाकि ऑस्ट्रेलिया 6 बार चैंपियन रह चुकी है। परंतु उसके बावजूद भी भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन के साथ ऑस्ट्रेलिया को हराते हुए फाइनल में जगह बना ली थी।
ध्यान देने वाली बात तो यह है कि भारतीय महिला टीम अभी तक एक बार भी विश्व कप फाइनल नहीं जीत पाई है। इससे पहले 2005 में भी भारतीय महिला टीम फाइनल तक पहुंची थी। परंतु वहां भी उसे ऑस्ट्रेलिया से हार मिली, और इसी तरह इस बार भी भारतीय महिला टीम फाइनल तक पहुंचकर इंग्लैंड से हार चुकी है।
इंग्लैंड से जीतने के लिए भारतीय महिला टीम को 236 रन की जरूरत थी। 236 रन को हासिल करने के लिए सबसे पहले मैदान में पूनम राउत और स्मृति मंधाना उतरी। जिस तरह पिछले लीग मैच में इस जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया था, उस तरह इस फाइनल मैच में जोरदार बल्लेबाजी नहीं कर पाई। मंधाना ने तो खाता भी नहीं खोला था और श्रबसोल की गेंद पर बोल्ड हो गईं।
अब बारी थी मैदान में तकनीकी मिताली राज की, कप्तान मिताली राज भी सिर्फ 17 रन बनाकर मैदान से बाहर हो गई। अब बारी आई थी बल्लेबाजी करने की, सेमीफाइनल की हीरो रही हरमनप्रीत कौर की। हालांकि हरमनप्रीत कौर ने फाइनल में भी शानदार बल्लेबाजी की परंतु सेमीफाइनल की तरह तूफानी अंदाज़ में बैटिंग करती नजर नहीं आई।
लेकिन अपनी टीम को जीताने का जज्बा उनमें नजर आता रहा और उन्होंने ओपनर पूनम राउत के साथ मिलकर 80 गेंदों में 51 रन बनाए। यही से भारत का टर्निंग पॉइंट शुरू हो गया था। पूनम राउत ने भी अपनी तरफ से शानदार प्रदर्शन दिया। परंतु भारत के हाथ से मैच निकलते देरी नहीं हुई और पूनम राउत आउट हो गई।
जहां एक तरफ विकेट गिर रहे थे वहीं दूसरी तरफ पूनम पारी को अच्छे से संभाल रही थी और अंत में पूनम 115 गेंदों में 86 रन बना पाई।
इसी तरह अंत में इंग्लैंड ने भारत को 9 रनों से हरा दिया और चौथी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम दर्ज कर लिया। इंग्लैंड ने भारत के सामने 236 रनों का लक्ष्य रखा। भारतीय टीम उसे हासिल नहीं कर पाई। भारतीय टीम 48.4 ओवरों में 219 रन बनाकर जीत के इतने पास आकर विकेट गंवा बैठी।
...