Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 05:28 PM IST
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून, 2018) के लिए तैयारियां जोरो-शोरों से हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 का प्रमुख कार्यक्रम देहरादून में आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून में योग करेंगे। इसके लिए जगह जगह कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग की महत्ता को समझते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे सिर्फ 19 दिनों में ही मंजूरी मिल गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की पहल की थी। इसे 21 जून को ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’’ के रूप में मान्यता दिए जाने की बात कही थी। मोदी की इस पहल का 177 देशों ने समर्थन किया। 11 दिसम्बर 2014 को को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
योग का इतिहास -
भारत में योग का इतिहास हजारो साल पुराना है और मानसिक, शारीरिक एवं आध्यात्म के रूप में लोग प्राचीन काल से ही इसका अभ्यास करते आ रहे हैं। योग की उत्पत्ति सर्वप्रथम भारत में ही हुई इसके बाद यह दुनिया के अन्य देशों में लोकप्रिय हुआ। प्राचीन काल में यहां लोग मस्तिष्क की शांति के लिए ध्यान करते थे। योग की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई है जिन्हें आदि योगी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को दुनियाभर के योगियों का गुरू माना जाता है।
योग को नियमित रूप से करना काफी फायदेमंद माना गयाहै। योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यह एक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं बल्कि जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ्य रखता ही है इसके साथ-साथ मन और दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है।
योग व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है। योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है। हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म और जैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है हिंदू धर्म में श्रीमद्भागवत गीता में ‘योगों’ का उल्लेख किया गया है। भगवद गीता का पूरा छठा अध्याय योग को समर्पित है। योग को तीन प्रकारों से बाटा गया है। इसमें प्रमुख रूप से कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का उल्लेख किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य
योग दिवस का उद्देश्य लोगों को योग के बारे में जागरूक करना है ताकि बिना किसी दवा के लोग अपने तनाव से प्राकृतिक तरीके से छुटकारा पा सकें। इसके साथ ही युवाओं के बीच योग एवं ध्यान (Meditation) को विकसित करना है।