अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस : योग क्या है? इसकी उत्पत्ती कैसे और कहां हुई

Wednesday, Oct 30, 2024 | Last Update : 05:55 AM IST


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस : योग क्या है? इसकी उत्पत्ती कैसे और कहां हुई

भारतीय धर्म और दर्शन में योग का अत्यधिक महत्व है। योग शरीर को सेहतमंद बनाए रखता है और कई प्रकार की शरीरिक और मानसिक परेशानियों को दूर करता है। योग के दौरान गहरी सांस लेने से शरीर तनाव मुक्त होता है।
Jun 20, 2019, 2:39 pm ISTShould KnowAazad Staff
Meditation
  Meditation

योग दुनिया का सबसे प्राचीन विज्ञान माना गया है।  योग एक पूरी चिकित्सा पद्धति है। 'योग' शब्द संस्कृत के युज से लिया गया है जिसका अर्थ है शामिल होना या एकजुट होना। वेदांत के अनुसार, "आत्मा का परमात्मा से पूर्ण रूप से मिलन होना ही योग कहलाता है। योग शास्त्रों के अनुसार योग का हमारे मस्तिष्क और शरीर से सीधा सम्बन्ध होता है। योग का प्रमुख मकसद है आत्मज्ञान और हर प्रकार की शारीरिक समस्याओं से निजात पाना। योग को किसी भी तरह की शारीरिक या मानसिक परेशानियों से निजात पाने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है।  

योग की उत्पत्ति भारत में ही हुई है। योग हिन्दू घाटी सभ्यता की अमर देन है जिसकी शुरुआत लगभग २७०० बी.सी. साल पूर्व हुई थी। इसके कई ऐसे प्रमाण भी पाए गए हैं जिसमे हिंदू घाटी सभ्यता द्वारा योग साधना और उसकी मौजूदगी दिखाई दी है और इस आधार पर ये कहना गलत नहीं होगा की प्राचीन भारत में भी योग का महत्वपूर्ण स्थान हुआ करता था। उस काल की कई मूर्तियां और चिन्ह मिले हैं जो योग तंत्र को साफ़ तौर पर दर्शाते हैं। योग के सबसे पहले योग गुरु भगवान शिव को मना गया है। सूर्य नमस्कार भी योग का रूप माना गया है। लोक संस्कृति, हिंदू घाटी सभ्यताकाल, वैदिक और उपनिषद् धरोहरों, बौद्ध, जैन के रीति-रिवाजों और रामायण-महाभात काव्यों में भी योग की चर्चा की गई है।

योग का महत्व और लाभ  -

योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है और हमें मजबूत और शांतिपूर्ण बनाता है। योग आवश्यक है क्योंकि यह हमें फिट रखता है, तनाव को कम करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखता है और एक स्वस्थ मन ही अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित करने में सहायता कर सकता है।

और ये भी पढ़े : महर्षि पतंजलि जिन्होंने दुनिया को दिया योग का ज्ञान

योग के अभ्यास की कला व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। यह भौतिक और मानसिक संतुलन कर के शान्त शरीर और मन प्राप्त करवाता हैं। तनाव और चिंता का प्रबंधन करके आपको राहत देता हैं। यह शरीर में लचीलापन, मांसपेशियों को मजबूत करने और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में भी मदद करता हैं। यह श्वसन, ऊर्जा और जीवन शक्ति में सुधार लाता हैं। योग का अभ्यास करने से ऐसा लगता हैं कि जैसे यह मात्र शरीर को खींचने या तानने तक ही सीमित हैं, लेकिन आप जैसा देखते हैं, महसूस और गतिविधि करते हैं, उससे कहीं अधिक यह आपके शरीर को करने में सक्षम करता हैं।

इस दिन मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस -

भारत समेत दुनिया के कई देशों में २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस २१ जून २०१५ को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ११ दिसंबर २०१४ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिफारिश पर २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था। इस दौरान १९३ देशों में से १७५ देशों ने बिना किसी वोटिंग के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

योग दिवस मनाने के लिए २१ जून ही क्यों ?

२१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने के पीछे वजह है कि इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है। इस दिन आम दिनों के मुकाबले सूरज की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर रहती है जिसके कारण दिन बड़ा होता है। योग में इस घटना को संक्रमण काल कहते हैं। संक्रमण काल में योग करने से शरीर को बहुत फायदा मिलता है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस २१ जून को मनाया जाता है।

योग प्रदीप में योग के दस प्रकार बताए गए हैं-

१.राज योग,

२.अष्टांग योग,

३.हठ योग,

४.लय योग,

५.ध्यान योग,

६.भक्ति योग,

७.क्रिया योग,

८.मंत्र योग,

९.कर्म योग और

१०.ज्ञान योग।

योग ८ अंगों में विभाजित है –

यम

नियम

आसन

प्राणायाम

प्रत्याहार

धारणा

ध्यान

समाधि।

...

Featured Videos!