Sunday, Nov 24, 2024 | Last Update : 04:55 AM IST
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कुम्हारों के लिए रोजगार का नया अवसर देने जा रही है। इसके लिए अब कुम्हारों को प्रशिक्षित कर सस्ता ऋण मुहैया कराया जाएगा। सरकार माटी कला बोर्ड के जरिए मिट्टी के बर्तनों को विलुप्त होने से बचाने के लिए इस तरह की योजना पर कार्य करने जा रही है। खादी ग्रामोउद्योग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के अनुसार, सरकार प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंधित लगाने के बाद मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देने जा रही है। इसीलिए माटी कला से जुड़े कामगारों को प्रशिक्षित कर उन्हें प्रोत्साहित किए जाने की योजना है।
"मिट्टी का बर्तन बनाने वाले कितने लोग है, उनका सर्वे हो रहा है। इससे पहचान होगी कि इस कला में कौन-कौन लोग जुड़े हैं। सर्वे में हम यह भी जानकारी कर रहे हैं कि उनके पास मिट्टी बनाने का कोई इंतजाम है या नहीं है। अगर नहीं है तो उन्हें सबसे पहले पट्टा दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया, कुम्हारों को मिट्टी खनन के पट्टे देने के साथ ही उनको प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाएगा. आने वाले समय में कुम्हारों को टूलकिट भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा कुम्हारों के उत्पादों की मार्केटिंग में सरकार पूरा सहयोग करेगी. “
मिट्टी बर्तनों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए कुम्हारों को नई डिजाइन देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इन्हें बिजली से चलने वाला कुम्हारी चाक, पगमिल और उनके समूह को आधुनिक भट्ठियां भी दी जाएंगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मिट्टी व्यवसाय से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति को मजूबत बनाने और इस कार्य में प्रोत्साहित करने के लिए जुलाई २०१८ में माटी कला बोर्ड का गठन किया था। आगरा के धर्मवीर प्रजापति बोर्ड के अध्यक्ष हैं। बोर्ड में अध्यक्ष सहित कुल १० अशासकीय सदस्य नामित किए गए हैं।इस बोर्ड का उद्देश्य मिट्टी के उपकरणों को बाजार मुहैया कराना, कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और उन्हें अपने उत्पादों की अच्छी कीमत दिलाना है।
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