Thursday, Nov 28, 2024 | Last Update : 07:08 PM IST
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने गुरुवार को आधार की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। ये प्रजेंटेशन 80 मीनट का था। जिसमें उन्होने न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ को बताया कि आधार डाटा की सुरक्षा के लिए ‘2048-एनक्रिप्शन की’ का इस्तेमाल किया गया है। हैकर इस सुरक्षा चक्र को नहीं तोड़ पाएंगे।
इसके साथ ही उन्होने कहा कि सुपरकंप्यूटर से भी इसे हैक करने में 13 अरब वर्ष लग जाएंगे। UIDAI प्रमुख ने अपने 80 मिनट के प्रेजेंटेशन में कोर्ट को बताया कि आधार डाटा के सेंट्रल डाटाबेस में पहुंचने के बाद उसे साझा नहीं किया जा सकता है। इस डाटा को सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर ही शेयर किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि एक आधार कार्ड को बनाने में एक डॉलर से भी कम खर्च आता है और इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपये खर्च किये हैं। बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर बाहर से मंगाया गया है, लेकिन इसका डाटा कंट्रोल सरकार के पास ही है। इसके साथ ही आधार के सर्वर को इंटरनेट से नहीं जोड़ा गया है। बायोमेट्रिक डाटा किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता है सिर्फ केवाईसी के लिए निजी जानकारी साझा की जाती है।
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