Monday, Nov 25, 2024 | Last Update : 06:14 PM IST
आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने १० फीसदी आरक्षण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।
बता दें कि यूथ फॉर इक्वलिटी नाम की संस्था ने सवर्णों को नौकरियों में आर्थिक आधार पर १० फीसदी आरक्षण देने के मामले में जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल किया था। इसके अलावा कुछ अन्य याचिकाएं थीं जिसे कोर्ट ने एक साथ जोड़कर सुनवाई के लिए अपनी रजामंदी दे दी है।
यूथ फॉर इक्वलिटी नाम की संस्था द्वारा दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और ५० फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती।
बता दें कि मोदी सरकार ने संसद में संविधान के १२४वां संशोधन करके सवर्णों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है। सवर्ण आरक्षण बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए। सवर्ण आरक्षण बील को तीन राज्यों में लागू कर दिया गया है जिनमें गुजरात, झारखंड और यूपी शामिल है।
...