Saturday, Jan 18, 2025 | Last Update : 09:13 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई अगले साल फरवरी तक टाल दी है। कोर्ट में पक्षकारों की तरफ से मंगलवार को कोर्ट में दस्तावेजों, संविधान पीठ बनाने जैसी मांगे की गई।सुप्रीम कोर्ट ईलाहाबाद की 13 याचिकाओं के खिलाफ सुनवाई कर रहा है।
मंगलवार को हुई सुनवाई के तहत दूसरे याचिका कर्ताओं ने सात जजों की पीठ गठित करने की भी मांग की। सून्नी वक्फ बोर्ड ने राजनैतिक कारणों के चलते जूलाई 2019 तक चलाए जाने की गुहार लगाई। मुख्य न्यायधिश दिपक मिश्रा की अगुवाई में तीन जजों की पीठ चार दिवानी मुकदमों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के साल 2010 में दायर 13 याचिकाओं के खिलाफ फैसले की सुनवाई कर रही है।
गौरतलब है कि भारत के प्रथम मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था। अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद सबसे पहले वर्ष 1949 में अदालत में आया था। बाबरी मस्जिद का विध्वंश 6 दिसंबर 1992 में हुआ था। विध्वेंश का असर ज्यादातर राज्यों में देखने को मिला था। इसका सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में देखा गया था जहां लगभग 900 लोग मारे गए और पुलिस पर हिंदुओं का पक्ष लेने का आरोप भी लगा। इस मामले में बीजेपी पार्टी के कई राजनेता भी शामिल थे।
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