Sunday, Jan 12, 2025 | Last Update : 09:06 PM IST
बिम्सटेक ('बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकॉनोमिक को-ऑपरेशन’) सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होने कहा कि भारत बिम्सटेक के सभी सदस्य देशों के साथ सभी प्रकार का क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाकर आतंक और नशीली दवाइयों की तस्करी पर करारी चोट करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि गुरुवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सम्मेलन का उद्घाटन किया था।
बिम्सटेक से जुड़ी खास बातें -
बिम्सटेक की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी। बिम्सटेक का ये चौथा सम्मेलन है जो नेपाल में आयोजित किया गया है। इससे पहले 3 सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं, पहली बार 31 जुलाई 2004 में थाईलैंड, दूसरी बार 13 नवंबर 2008 में भारत, तीसरी बार 2014 में म्यामांर में आयोजित हुआ था।
बिम्सटेक में सात देशों को शामिल किया गया है। इनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं। बिम्सटेक के तहत इन कुल (7 देशों) की आबादी 1.5 अरब है जोकि दुनिया की आबादी का 21 फीसदी है। इस समूह का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2500 अरब डॉलर है। बिम्सटेक का हेडक्वार्टर ढाका, बांग्लादेश में है। ये सभी देश बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बसे हुए है।
बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी के किनारे दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट, कृषि, मत्स्य पालन, परिवहन और संचार, कपड़ा, चमड़ा आदि उद्योग शामिल है।
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