राजस्थान सरकार का फैसला - विनायक दामोदर सावरकर अब 'वीर' नहीं

Sunday, Nov 24, 2024 | Last Update : 07:10 AM IST


राजस्थान सरकार का फैसला - विनायक दामोदर सावरकर अब 'वीर' नहीं

राजस्थान सरकार ने एक बार फिर से स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी ‘विनायक दामोदर सावरकर’ से जुड़े स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। दरसल राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर के नाम के आगे से वीर शब्द हटा दिया है। बता दें कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने कुछ साल पहले तैयार पाठ्यक्रम में सावरकर को वीर और महान देशभक्त बताया था।
Jun 14, 2019, 12:28 pm ISTNationAazad Staff
Vinayak Damodar Savarkar
  Vinayak Damodar Savarkar

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी ‘विनायक दामोदर सावरकर’ से जुड़ी कक्षा १२वीं के इतिहास के किताब में एक बार फिर से कुछ संशोधन किया गया है। जिसके तहत विनायक दामोदर सावरकर के नाम के आगे से वीर शब्द को हटा दिया गया है।

हालांकि पहले राजस्थान सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम से विनायक दामोदर सावरकर से जुड़े पाठ्यक्रम को ही हटाने का फैसला किया था। लेकिन भाजपा के विरोध के बाद फैसला पलटा गया। बहरहाल कांग्रेस की गहलोत सरकार ने यहां विनायक दामोदर सावरकर को पाठ्यक्रम में जगह तो दी लेकिन राजस्थान सरकार की नजर में अब वो वीर नहीं है।

नए पाठ्यक्रम में जो जानकारी विनायक दामोदर सावरकर के बारे में दी गई है। उसके मुताबिक सेल्लुयर जेल में ब्रिटिश सरकार के यातना को नहीं सह पाने की वजह से उन्होंने खुद को पुर्तगाल का बेटा बताया। पाठ्यक्रम में इस बात का जिक्र किया गया है कि १९ नवंबर १९४१ को उन्होंने ब्रिटिश सरकार के सामने दया की अर्जी लगाई थी। स्कूली पाठ्यक्रम में इस बात का जिक्र है कि ये बात सही है कि उन्होंने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था। लेकिन ऐसे बहुत से मौके उनके सामने आए जब वो अंग्रेजी सरकार से समझौता करते नजर आए।

राजस्थान में जब भाजपा की सरकार थी तो उस दौरान सावरकर को स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े पाठक्रम में उन्हें वीर सावरकर के नाम से जगह मिली थी और ये बताया गया था कि भारत की आजादी की लड़ाई में उनका योगदान कितना अमूल्य था। बीजेपी शासन के दौरान पाठ्यक्रम में इस बात का जिक्र था कि किस तरह से सावरकर ब्रिटिश सरकार की मुखालफत करते रहे। उन्होंने भारतीय जनमानस को इस बात के लिए प्रेरित किया कि अंग्रेजी सरकार के खिलाफ अब उठ खड़े होने की जरूरत है 

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