Thursday, Nov 28, 2024 | Last Update : 11:00 PM IST
आकाशवाणी पर प्रसारित कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान के संदर्भ में बात की। 41वें 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारत के योगदान और विज्ञान के क्षत्र में कई महान वैज्ञानिकों को याद करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी वी रमन को याद किया। उन्होंने कहा कि 28 फ़रवरी को रमन इफ़ेक्ट की खोज किये जाने पर इस दिन को नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने सर जगदीश चन्द्र बोस, हरगोविंद खुराना, सत्येन्द्र नाथ बोस जैसे वैज्ञानिकों को भारत का गौरव बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोबोट, बोट्स और स्पेसिफिक टास्क करने वाली मशीनें बनाने बनायी जाती हैं जो सेल्फ लर्निंग से अपनी इंटेलिजेंस को और अधिक बनाती हैं। इस टेक्नोलॉजी का उपयोग गरीबों, वंचितों या ज़रुरतमंदों का जीवन बेहतर करने के लिए किया जा सकता है।
देश में बढ़ती दूर्घटनाओं को लेकर पीएम मोदी ने कहा, 'प्राकृतिक आपदाओं को अगर छोड़ दें तो ज्यादातर दुर्घटनाएं, हमारी कोई-न-कोई गलती का ही परिणाम होती है. अगर हम सतर्क रहें और नियमों का पालन करें, तो हम अपने जीवन की रक्षा स्वंम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम सार्वजनिक सुरक्षा की बात करते हैं तो दो चीज़ें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं पहला कि हम उस कार्य को लेकर कितने सतर्क व जागरुक है और दूसरा कि हम ुस कार्य के लिए कितने तैयार है। सुरक्षा दो प्रकार की होती है एक वो जो आपदा के समय जरुरी होती है, आपदाओं के दौरान सुरक्षा और दूसरी वो जिसकी दैनिक जीवन में आवश्यकता पड़ती है,रोज़मर्रा की जिंदगी में सुरक्षा।
मोदी ने कहा, स्कूली बच्चों को आपदाओं से बचने व सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए कहा कि महानगर पालिका, नगर पालिकाएँ जिनके पास अग्निशमन वाहन होते हैं उन्हें हफ़्ते में एक बार या महीने में एक बार अलग-अलग स्कूलों में जा करके बच्चों के सामने छद्म अभ्यास करना चाहिये।’’ उन्होंने कहा कि इससे अग्निशमन को भी सतर्क रहने की आदत रहती है और नयी पीढ़ी को इसकी शिक्षा भी मिलती है । ताकी भविष्य में बच्चे इसका सामना कर सके। पीएम ने कहा कि इसके लिए कोई अलग से खर्चा नहीं होता, यह एक प्रकार से शिक्षा का ही एक क्रम बन जाता है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे दुनिया के दूसरे देशों में संयुक्त सैन्य अभ्यास होता है तो क्यों न दुनिया के देश आपदा प्रबंधन के लिए भी संयुक्त अभ्यास करें।
...