अब हर धनतेरस के मौके पर देश में मनाया जाएगा आयुर्वेद दिवस

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देश में मनाया जा रहा आयुर्वेद दिवस

अब हर धनतेरस के मौके पर देश में मनाया जाएगा आयुर्वेद दिवस
Oct 17, 2017, 10:29 am ISTNationAazad Staff
National Ayurveda Day
  National Ayurveda Day

हिंदू मान्यताओं के अनुसार आयुर्वेद एक ऐसी औषधि है जिसकी रचना ३००० से ५०, ००० ईसा पूर्व की गई थी। हिंदू सभ्यताओं की मान्यताओं के अनुसार आयुर्वेद की कई प्रकार की रचनाओं का उल्लेख ऋगवेद में किया गया है। शास्त्रों में आयुर्वेद की रचनाओं का उल्लेख रोमांचित और उल्लेखनिय है। सर्वप्रथम ब्राम्हा ने आयुर्वेद का ज्ञान अपने पुत्र प्रजापती को दिया था। तत्पश्चात ये ज्ञान प्रजापती ने अपने पुत्र अश्विनी कुमारों को दिया। पुराणों में ये उल्लेखनिय है कि भगवान शिव सती की मौत के बाद क्रोध में आकर  प्रजापती का सिर धड़ से अलग कर देते है पर जब उनका क्रोध शांत होता है तो  प्रजापती को नया जीवन दान देने के लिए अश्विनी कुमारों की मदद से प्रजापती के धड़ पर बकरे का सिर लगा कर नया जीवन दान देते है।

आयुर्वेद हमारे इतिहास का अहंम अंग है। प्राचीन कालों में आयुर्वेद के द्वारा बनाई गई औषधियों का अविश्कार हुआ जिसे आज इस्तमाल किया जाता है।

 प्राचिन काल में कई आचार्य ने आयुर्वेद के द्वारा औषधियों का अविश्कार किया इनमें से ही एक है आचार्य सुश्रुत इन्होनें ही शल्य चिकित्सा यानी की (Surgery) का अविश्कार किया। सुश्रुत ने ३०० प्रकार की ऑपरेशन प्रक्रियाओं की खोज की।आज के दौर में कॉस्मेटिक सर्जरी का काफी बोल बाला है। सर्व प्रथम कॉस्मेटिक सर्जरी भी आचार्य सुश्रुत की ही देन है। इनका जन्म ६०० ईसा पूर्व बनारस के काशी में हुआ था।

आज भारत में कई प्रकार की ऐसी औषधियां है जो लोगों के काफी पुराने रोगों को जड़ से खत्म करने में सार्थक है। भारत के दक्षिण में बसा छोटा सा राज्य केरल औषधियों में काफी निपूर्ण है। यहां देश विदेश से लोग अपने रोगों का इलाज करने आते है। जिन्हे काफी  हद तक सफलता भी मिलती है। भारत एक मात्र ऐसा देश है जो औषधियों के द्वारा गंभिर से गंभिर बीमारियों का इलाज करता आ रहा है।

जिस तरिके से देश-विदेश ने योग को अपनाया है और इसे सफल बनाने में बाबा राम देव का बड़ा योग दान है। आज धनतेरस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की नीव रख रहे है। अब हर साल धनतेरश के मौक पर इस दिन को मनाया जाएगा। आज देश में मधुमेह सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए इस अवसर पर आयुष मंत्रालय 'आयुर्वेद के माध्यम से मिशन मधुमेह' की शुरुआत की जा रही है।

इस मौके पर पूरे देश में मिशन मधुमेह एक विशेष रूप से परिकल्पित राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल भी जारी किया जाएगा।

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