DMK के अध्यक्ष पद के लिए स्टालिन ने भरा नामांकन

Wednesday, Nov 27, 2024 | Last Update : 05:01 AM IST


DMK के अध्यक्ष पद के लिए स्टालिन ने भरा नामांकन

DMK के अध्यक्ष पद के लिए स्टालिन ने भरा नामांकन, पार्टी पर कब्जे की लड़ाई तेज। अपने पिता और पार्टी अध्यक्ष एम करुणानिधि की मृत्यु के बाद स्टालिन को डीएमके प्रमुख के रूप में चुनने की प्रक्रिया 65 वर्षीय नेता ने औपचारिक रूप से पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया।
Aug 27, 2018, 10:10 am ISTNationAazad Staff
MK Stalin
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डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। तमिलनाडु के पूर्व अध्यक्ष एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर जंग तेज हो गई है। करुणानिधि के छोटे बेटे और डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन ने पार्टी कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा। बतादें कि डीएमके के 65 जिला सचिवों ने  अध्यक्ष पद के लिए स्टालिन के नाम का प्रस्ताव किया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को कई अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के नामों की घोषणा होगी।

चेन्नई, जेएनएन। तमिलनाडु के पूर्व अध्यक्ष एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर जंग तेज हो गई है। करुणानिधि के छोटे बेटे और डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन ने पार्टी कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा। बतादें कि डीएमके के 65 जिला सचिवों ने  अध्यक्ष पद के लिए स्टालिन के नाम का प्रस्ताव किया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को कई अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के नामों की घोषणा होगी।

गौरतलब है कि करुणानिधि का 7 अगस्त को निधन हो गया था। तमिलनाडु की राजनीति के सबसे करिश्माई नेताओं में गिने जाने वाले करुणानिधि पांच बार मुख्यमंत्री रहे। उनके परिवार में उनकी दो पत्नियां और छह बच्चे हैं। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन उनके बेटे हैं। उनकी बेटी कनीमोरी राज्यसभा की सदस्य हैं। बता दें करुणानिधि ने काफी पहले ही अपने छोटे बेटे एमके स्टालिन को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर उन्हें डीएमके का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। वहीं संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री बने रहने के बाद 2014 में अलागिरी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन, अब अलागिरी के बगावती तेवर के बाद स्टालिन के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। बर्खास्त होने से पहले दोनों भाइयों के बीच उत्तराधिकार को लेकर संघर्ष चरम पर रहा।

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