Sunday, Nov 24, 2024 | Last Update : 11:01 PM IST
नमो टीवी को लेकर शुरू हुआ विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में है। चुनाव आयोग ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। आयोग ने नमो टीवी पर हो रहे खर्च की जानकारी भाजपा से मांगी है। इतना ही नहीं नमो टीवी को चुनाव आयोग ने एक राजनीतिक विज्ञापन की श्रेणी में भी रखा है।
सूत्रों की मानें तो आचार संहिता लागू होने के बाद दूसरे राजनीतिक दलों के विज्ञापनों की तरह इसे भी आयोग से मंजूरी लेनी चाहिए। यही कारण है कि ये कोई टेलिविज़न चैनल नहीं बल्कि एक राजनीतिक विज्ञापन माना जाएगा।
आयोग इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी से सवाल भी करेगा। इसके साथ ही आयोग इसपर होने वाले पूरे खर्च की जानकारी को सालाना ऑडिट रिपोर्ट में शामिल करना होगा। हालांकि, इस सिलसिले में भाजपा पहले ही ये मान चुकी है कि उसने इस चैनल पर होने वाले खर्च का ब्योरा ऑडिट रिपोर्ट में दिया है।
इसके लिए चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति द्वारा NaMo टीवी सामग्री को प्रमाणित करने के लिए नियुक्त किया है। बता दें कि नमों टीवी पर आने वाली सभी विज्ञापन को इस कमेटी से होकर गुजरना होगा।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने दूरदर्शन पर भी शक्ती दिखाई थी। दूरदर्शन ने "मैं भी चौकीदार हूँ" कार्यक्रम को ८४ मिनट तक लाइव कवरेज़ दिया था। जिसपर चुनाव आयोग ने जवाब मांगा था। हालांकि बाद में दूरदर्शन ने चुनाव आयोग को जबाब दिया था यह कार्यक्रम पीएम की चुनावी रैली नहीं थी।
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