Wednesday, Nov 27, 2024 | Last Update : 12:17 AM IST
केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के लिए 328 फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं की बिक्री और वितरण पर बुधवार को रोक लगा दी है। इन दवाओं में सर्दी-खांसी और मधुमेह में इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएं शामिल हैं। जिन्हें सेहत के लिए हानिकारक माना गया है। बता दें कि सरकार द्वरा लिए गए इस कदम से 1.18 लाख करोड़ रुपए के फार्मा उद्योग से 1500 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की बात कही गई है।
बोर्ड ने सिफारिश की कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत व्यापक जनहित में इन एफडीसी के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण पर रोक लगाई है। सरकार ने जिन दवाओं पर रोक लगाई है, उनमें सेरिडॉन, डिकोल्ड, जिंटाप, सुमो, जीरोडॉल, फेंसिडील, विक्स एक्शन 500, कोरेक्स और कई तरह के एंटीबायोटिक्स, पेन किलर्स, शुगर और दिल के रोगों की दवाएं शामिल हैं। अभी और भी कई एफडीसी दवाएं हैं, जो देश में बिक रही हैं। माना जा रहा है कि सरकार 500 और एफडीसी पर रोक लगा सकती हैं।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने मार्च 2016 में भी 349 एफडीसी दवाओं की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी। दवा कंपनियां इस बैन के खिलाफ दिल्ली और अन्य हाईकोर्ट में चली गई थीं। हालांकि दवां कंपनियों की इस अपिल को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद सरकार और कुछ निजी हेल्थ संगठन उच्चतम न्यायालय चले गए। जहां कोर्ट ने 349 एफडीसी दवाओं में से 328 को बैन किया।
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