राजस्थान सरकार का फरमान- सरकारी दस्तावेजों में अब नजर नहीं आएगी दीन दयाल उपाध्याय की तस्वीर

Monday, Nov 25, 2024 | Last Update : 11:31 PM IST

राजस्थान सरकार का फरमान- सरकारी दस्तावेजों में अब नजर नहीं आएगी दीन दयाल उपाध्याय की तस्वीर

राजस्थान राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने सभी सरकारी दस्तावेजों से पंडित दीनदायल उपाध्याय की तस्वीर हटाने का आदेश जारी कर दिया। गहलोत कैबिनेट की पहली बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया था।
Jan 3, 2019, 11:02 am ISTNationAazad Staff
Ashok gehlot
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राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट में निर्देश जारी कर सभी सरकारी दस्तावेजों और लेटर पैड्स पर से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाए जाने का फरमान जारी किया है।  राज्य सरकार ने ये निर्देश सभी विभागों के लिए जारी किया है।

दीन दयाल उपाध्याय आरएसएस विचारक हैं। इससे पहले वसुंधरा राजे की सरकार के समय यह फैसला किया था कि सभी सरकारी लेटरपैड और दस्तावेजों पर उपाध्याय की फोटो लगाई जाएगी।  बहरहाल अशोक गहलोत के सत्ता मे आते ही उन्होंने बुजुर्गों के लिए मंथली पेंशन स्किम को पहले की तुलना में बढ़ा दिया है। मसलन जिन बुजुर्गों को 500 रुपए मिला करते थे अब उन्हें 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेंगे। वहीं  जिन्हें 750 रुपए मासिक पेशन दी जा रही थी अब उन्हें 1,000 रुपए मिलेंगे।

वहीं मध्य प्रदेश में मीसाबंदियो पेंशन योजना को बंद करने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर मीसाबंदियो को दी जाने वाली पेंशन इस महीने से अस्थाई तौर पर बंद करने का ऐलान किया गया है। इस संदर्भ में बैंकों को भी निर्देश जारी किए जा चुके है। जानकारी के मुताबिक इस पेंशन में गड़बड़ी की शिकायत आ रही थी जिसकी वजह से इसे बंद करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान साल 1975 से 1977 के बीच लगे आपातकाल में जेल में डाले गए लोगों को मीसाबंदी पेंशन दिया जाता है।  मध्य प्रदेश में 4000 लोगों को 25,000 रुपए मासिक पेंशन दी जाती है। जिसे अब इस माह से बंद कर दिया गया है।

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