Tuesday, Nov 26, 2024 | Last Update : 07:13 AM IST
संसद तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए बड़ी तादाद में किसानों ने संसद भवन की ओर कूच शुरू कर दिया है। किसानों के इस आंदोलन को पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने भी अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार किसानों के समर्थन के बिना नहीं टिक सकती है। उन्होंने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि संघर्ष की इस घड़ी में मैं आपके साथ हूं। मैं आपके दुख और तकलीफों को समझता हूं।’
पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने रामलीला मैदान में संवादाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार को किसानों की मांग सुननी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘कोई सरकार किसानों के (समर्थन) बिना नहीं चल सकती है। केन्द्र सरकार को उनकी मांगें सुननी चाहिए। इस देश के किसान जाग चुके हैं और उन्हें बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।’
सुरक्षा के लिहाज से किसानों के रास्ते में करीब 1000 ट्रैफिक पुलिसकर्मी के जवानों को तैनात किया गया है। इन जवानों को ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने की हिदायत दी गई है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग तक किसानों को पैदल मार्च की अनुमति नहीं दी है।
वहीं, किसानों संगठनों का कहना है कि उनका संसद भवन मार्च शांति पूर्वक होगा। किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे। बिहार, पंजाब व उत्तर -प्रदेश, हरियाणा, समेत विभिन्न राज्यों के किसान इस मार्च में शामिल है। यह प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान संघर्ष की मौजूदगी में किया जा रहा है।
बता दें कि किसानों के इस आंदोलन को कई राजनीतिक पार्टियां अपना समर्थन दे रही है। वहीं इस आंदोलन में प्रदर्शनकारियों के बीच विरोध का झंडा बुलंद किए हुए महिला किसान भी नजर आ रही है।
ये हैं किसानों की अहम मांगें
1. किसान की पूरी तरह कर्ज माफी
2. फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजे की मांग
3. एमएस स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने की मांग
4. किसानों को पेंशन देने की मांग