Wednesday, Nov 27, 2024 | Last Update : 10:03 AM IST
सोमार को मॉसून सत्र के दौरान दो अहम विधेयकों को मंजूरी दी गई। इसमें पहला ‘दंड विधि संशोधन विधेयक’ और दूसरा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को पारित कर दिया गया है। दंड विधि संशोधन विधेयक में नाबालिक से बलात्कार करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान किया गया है।
दंड विधि संशोधन विधेयक को 30 जुलाई को लोकसभा में पारित कर दिया गया था। हालांकि राज्यसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक को अभी पारित नहीं किया गया है। संसद में इसे पारित किए जाने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। बता दें कि ये विधेयक 21 अप्रैल को लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा।
बता दें कि इस विधेयक में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप के मामले में न्यूनतम 20 साल और अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान है। 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों के लिए में कम से कम 20 साल के कठोर करावास का प्रावधान है, जिसे आजीवन करावास तक बढ़ाया जा सकता है।
वहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से जुड़ा 123वां सविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा से पारित हो गया। इसके तहत संवधिान में नया अनुच्छेद 338 (ख) जोड़ने का प्रावधान किया गया है। इसक तहत सामजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पीछड़े वर्गों के लिए एक आयोग गठित होगा। इसमें एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत पांच सदस्य होंगे। इस विधेयक एक महिला सदस्य की नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया है। इन सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति करेंगे।
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