बजट २०१९ : रेलवे बजट में पीपीपी मॉडल का होगा इस्तेमाल, यात्रियों की सुविधाओं और आधुनिकीकरण पर दिया जाएगा जोर

Saturday, Nov 23, 2024 | Last Update : 11:42 PM IST


बजट २०१९ : रेलवे बजट में पीपीपी मॉडल का होगा इस्तेमाल, यात्रियों की सुविधाओं और आधुनिकीकरण पर दिया जाएगा जोर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में रेल बजट पेश किया। इस दौरान रेलवे सेक्टर में पब्लिक प्राइवेट पार्टिसिपेशन (पी पी पी) मॉडल के आधार पर विकास की घोषणा की गई साथ ही रेलवे में साफ, सुरक्षित और समयबद्ध रेल यात्रा पर जोर दिया गया।
Jul 5, 2019, 2:11 pm ISTNationAazad Staff
Railways
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को संसद में पेश किया।  इस दौरान बजट भाषण देते हुए वित्त मंत्री ने रेलवे  सेक्टर में पब्लिक प्राइवेट पार्टिसिपेशन (पीपीपी) मॉडल के आधार पर विकास की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को २०१८ -२०३० के बीच ५० लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि (पीपीपी) मॉडल का उपयोग तेजी से विकास और यात्री माल सेवाओं की डिलीवरी के लिए किया जाएगा। निजी क्षेत्र की रेलवे के विकास में यह अहम भूमिका होगी।

सीतारमण ने आगे कहा कि रेलवे का पूंजीगत व्यय १.५ से १.६ लाख करोड़ प्रति वर्ष है, इसलिए सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने में दशकों लगेंगे। इसीलिए ट्रैक और रॉलिंग स्टॉक्स यानी रेल इंजन, कोच व वैगन निर्माण कार्य और यात्री माल सेवाएं संचालित करने में तेजी से विकास लाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव लाया गया है।

इस बजट मे रेल और मेट्रो की ३०० किलोमीटर की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। बजट में राष्ट्रीय परिवहन कार्ड का भी ऐलान किया गया, जिसका उपयोग सड़क, रेलवे समेत परिवहन के सभी साधनों में किया जा सकता है।  

रेलवे किराए में सुधार के लिए “आदर्श किराया कानून” बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया।  इसके तहत रेल यात्रियों की जरूरत, सुविधाओं और विभागीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे किराया तय करेगी।

सब अर्बन रेलवे में  भी बड़ा निवेश किए जाने की बात कही गई।  मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों में सब अर्बन रेलवे  बेहद सफल रहा है। रेल मंत्रालय सब अर्बन रेलवे का विस्तार स्पेशल परपज व्हीकल(एसपीव्ही) के जरिए किया जाएगा।

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