Tuesday, Dec 24, 2024 | Last Update : 07:08 PM IST
बिहार में बारिश तो थम गई है लेकिन बाढ़ का कहर राज्य में अब भी जारी है। बाढ़ के कारण राज्य में तकरीबन ४६ लाख ८३ हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एन.डी.आर.एफ) और हाई राइज रेस्क्यू टीम (एस.डी.आर.एफ) की कुल २६ टीमों को तैनाच किया गया है। इसके साथ ही लोगों को बचाने के लिए १२५ मोटरबोटों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
राज्य के उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ का आलम यह है कि बाढ़ के पानी में डूबने से एक ही दिन में ३४ लोगों की मौत हो गई।इनमें मुजफ्फरपुर में ९, सीतामढ़ी में ८, समस्तीपुर, मोतीहारी व दरभंगा में ५-५ मधुबनी व शिवहर में एक एक लोगों की मौत हो गई। वहीं राज्य में कुल ९२ लोगों की मौत हो गई है।
पड़ोसी देश नेपाल में भी बाढ़ का कहर जारी है. नेपाल के गृह मंत्रालय की सूचना के अनुसार, देश में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से अब तक ९० लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि २९ लोग लापता है। बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के मुताबिक राज्य का ६८,००० वर्ग किमी हर साल बाढ़ में डूब जाता है। नेपाल में अधिक बारिश होने के कारण बांध का पानी जब छोड़ा जाता है तो बिहार के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ जाते है।
बिहार में आई भयानक बाढ़ को संसद में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई। इसके साथ ही नेताओं ने कहा कि नेपाल सरकार से बात करके हाईडैम बनाया जाए। जदयू के नेता व सांसद रामनाथ ठाकुर ने कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ आती है और सैकड़ों को लील जाती है। उन्होंने कहा कि इस साल सबसे ज्यादा १२ जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इसलिए राज्य में विपत्ति को देखते हुए केंद्र सरकार को चाहिए कि राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।
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