देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल, एम्स के डॉक्टरों ने ममता सरकार को दिया ४८ घंटे का अल्टीमेटम

Thursday, Dec 26, 2024 | Last Update : 06:53 PM IST


देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल, एम्स के डॉक्टरों ने ममता सरकार को दिया ४८ घंटे का अल्टीमेटम

पश्चिम बंगाल में लगातार पाचवे दिन भी हड़ताल जारी है। इसका असर देश भर में दिखने लगा है। इस हड़ताल को १० हजार से ज्यादा डॉक्टर अपना समर्थन दे रहे है। दिल्ली में शनिवार को १८ अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे, जिसमें एम्स और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल है।
Jun 15, 2019, 11:02 am ISTNationAazad Staff
Doctors Strike
  Doctors Strike

पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित नील रतन सरकार अस्पताल (एनआरएस) में सोमवार रात डॉक्टरों से हुई मारपीट के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया है। देश के १९ से ज्यादा राज्यों के डॉक्टरों ने हड़ताल का समर्थन किया है। वहीं, दिल्ली में आज भी ऐम्स समेत १८ से ज्यादा बड़े अस्पतालों के लगभग १० हजार डॉक्टरों ने हड़ताल का एलान किया है। दिल्ली में एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अल्टीमेटम दिया है।

डॉक्टर्स असोसिएशन ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दे रहे हैं। अगर सरकार नाकाम रहती है तो हमें एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

१७ जून को डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट के बाद शुरू हुई हड़ताल का असर बंगाल से लेकर दिल्ली तक देखने को मिल रहा है।  कोलकाता में  १०० से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को डॉक्टरों से राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

 इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुये शुक्रवार से तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ सोमवार १७ जून को हड़ताल का आह्वान किया है।

ऐम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की मांगें

- पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर राजनीतिक से प्रेरित हमले रोकने के लिए केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे।

- देश भर के अस्पतालों में एक समान सुरक्षा कोड लागू किया जाए और वार्डो में तीमारदारों को प्रवेश देने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर) बनाया जाए।

-अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड बढ़ाए जाएं, बंदूकधारी गार्ड भी तैनात किए जाएं।

-मेडिकल कॉलेजों के छात्रवास में सुरक्षा बढ़ाई जाए। -सभी अस्पतालों में सीसीटीवी की सुविधा हो, खासतौर पर इमरजेंसी में।

- अस्पतालों में सुरक्षा के लिए हॉटलाइन अलार्म सिस्टम लगाया जाए। - सुरक्षा की नियमित समय पर समीक्षा की जाए।

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