Friday, Dec 27, 2024 | Last Update : 05:07 PM IST
उत्तर प्रदेश में भाजपा के विजय अभियान को रोकने के लिए सपा-बसपा और आरएलडी के बीच त्रिकोणिय गठबंधन हुआ था जो फिलहाल टूट गया है। सबसे पहले बसपा ने अपने को इस गठबंधन से अलग किया फिर समाजवादी पार्टी ने और अब आरएलडी ने भी अपने आप को इस गठबंधन से अलग कर लिया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों की सभी ११ सीटों पर सपा-बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है तो वहीं आरएलडी के यूपी अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा, "राष्ट्रीय लोक दल यूपी विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ेगा। हालांकि, राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।" उन्होंने उम्मीद जताई कि 'गठबंधन' बरकरार है।
वहीं अहमद ने कहा कि पार्टी प्रमुख चौधरी अजित सिंह और जयंत चौधरी तय करेंगे कि पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और इस पर अगले कुछ दिनों में बैठक के दौरान चर्चा हो सकती है। राज्य के नए राजनीतिक परिदृश्य में आरएलडी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर अहमद ने कहा, "आरएलडी समाजवादी पार्टी के साथ थी। हमें अखिलेश के कोटे से सीटें मिलीं।"
लोकसभा चुनाव में आरएलडी ने तीन निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़े, लेकिन सभी पर हार का सामना करना पड़ा। आरएलडी के उम्मीदवार अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर और बागपत लोकसभा सीटों से हार गए। जबकि कुंवर नरेंद्र सिंह मथुरा से हार गए। यूपी विधानसभा उपचुनाव आरएलडी के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यूपी विधानसभा में इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। वैसे पार्टी का प्रदर्शन २०१७ में अच्छा नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने २७७ सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उनके २६६ उम्मीदवारों में से एक को ही जीत हासिल हुई थी।
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