कोविड-19 वैक्सीन के अर्थशास्त्रीय अनुसंधान पर आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय, जयपुर और जॉन्स हॉपकिंस, यूएसए के बीच साझेदारी

Monday, Dec 23, 2024 | Last Update : 05:15 AM IST

कोविड-19 वैक्सीन के अर्थशास्त्रीय अनुसंधान पर आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय, जयपुर और जॉन्स हॉपकिंस, यूएसए के बीच साझेदारी

कोविड-19 के लिए ‘वैक्सीन इकोनाॅमिक्स‘ पर कार्यक्रम का समापन अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल और सोमालिया के प्रतिभागी हुए लाभान्वित
Dec 22, 2020, 1:26 pm ISTNationAazad Staff
डब्ल्यूएचओ
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आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय जयपुर और जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यूएसए ने कोविड-19 के वैक्सीन की इकोनाॅमिक्स के अध्ययन के लिहाज से साझेदारी की है। इस अध्ययन में कोविड-19 वैक्सीन के संदर्भ में कम संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की इकोनाॅमिक्स पर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े पेशेवरों की क्षमता निर्माण पर फोकस किया जाएगा।

कोविड-19 के वैक्सीन की इकोनाॅमिक्स पर ग्लोबल ऑनलाइन पाठ्यक्रम का समापन समारोह 20 दिसंबर को वर्चुअल तौर पर आयोजित किया गया। इस पाठ्यक्रम से अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल और सोमालिया के प्रतिभागी लाभान्वित हुए हैं।

आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय जयपुर और जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यूएसए ने कोविड-19 की चुनौतियों के दौरान वैक्सीन कवरेज के लिहाज से आर्थिक संसाधनों का उपयोग करने के लिए वैक्सीन नीति निर्माताओं और कार्यक्रम प्रबंधकों के लिए दो नए ऑनलाइन पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने ऑनलाइन शिक्षण सत्र के साथ-साथ वैक्सीन की मांग से संबंधित कार्यशालाओं और वैक्सीन वितरण के लिए लागत विश्लेषण जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने वैक्सीन वितरण से जुड़ी समस्याओं और उनके आर्थिक समाधानों पर भी विचार-विमर्श किया और अंत में अनुसंधान प्रस्ताव तैयार किए।

आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रेसीडेंट (आॅफिशिएटिंग) प्रो पी आर सोडानी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘निर्णय लेने में अर्थशास्त्र हमेशा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोविड-19 वैक्सीन के लागत विश्लेषण और इसके वैक्सीन की मांग को प्रभावित करने वाले कारकों पर विभिन्न शोध प्रस्तावों पर चर्चा की गई। कोविड-19 के संदर्भ में सरकार और अन्य प्रमुख हितधारकों के लिए निश्चित तौर पर शोधपूर्ण ऐसे अध्ययन उपयोगी साबित होंगे।‘‘

इस बार विश्व स्तर पर इस कार्यक्रम के लिए 400 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 230 प्रतिभागियों को चुना गया। भारत में होने वाले कार्यक्रम के लिए 64 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 53 प्रतिभागियों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना गया। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल और सोमालिया जैसे देशों के प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। ये ऐसे प्रतिभागी हैं, जिन्हें टीकाकरण और टीका वितरण के क्षेत्र में विभिन्न क्षमताओं में काम करने का अनुभव हासिल है।

डॉ. सोडानी ने सत्र के दौरान सभी रिसोर्स पर्सन्स द्वारा किए गए प्रयासों के लिए और विभिन्न सत्रों का संचालन करते हुए पाठ्यक्रम में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया। डॉ. सोडानी ने ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, बाल्टीमोर, यूएसए और टीवीईई का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त किया कि उन्होंने न सिर्फ प्रशिक्षण कार्यक्रम को सपोर्ट किया, बल्कि कार्यक्रम के संचालन के लिए उन्होंने आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय को चुना। उन्होंने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी के लिए सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया, जिससे कार्यशाला के दौरान संकायों और प्रतिभागियों के बीच विचारों का बेहतर आदान-प्रदान संभव हो सका।

आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के बारे में

आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय स्वास्थ्य क्षेत्र में मैनेजमेंट रिसर्च, स्नातकोत्तर शिक्षा और प्रशिक्षण में एक विशिष्ट अनुसंधान विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावी नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने के लिए दस्तावेज और इनपुट्स प्रदान करने के लिए नए ज्ञान और टैक्नोलाॅजी को विकसित करना है।

विश्वविद्यालय में मल्टी-डिसिप्लेनरी संकाय सदस्य हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, जनसांख्यिकी, सामाजिक और व्यवहार विज्ञान, ग्रामीण विकास और फार्मा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हंै।

विश्वविद्यालय ने प्रमुख विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सहयोग किया है, जिनमें जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, यूएसए, चेस्टर यूनिवर्सिटी, यूके, मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी, कनाडा, कर्टिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया और बीपी कोइराला इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, नेपाल शामिल हैं।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने स्वास्थ्य नीति और कार्यक्रम प्रबंधन, अनुसंधान, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने और संचालन करके स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए इसे ‘इंस्टीट्यूट आॅफ एक्सीलैंस‘ के रूप में मान्यता दी है। पिछले साढ़े तीन दशकों से विश्वविद्यालय सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य और अस्पताल प्रबंधन, फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट, हैल्थ इकोनाॅमिक्स और फाइनेंस, पाॅपुलेशन और रीप्रोडक्टिव हैल्थ, रूरल मैनेजमेंट, इंस्टीट्यूशनल नेटवर्किंग एंड केपेसिटी बिल्डिंग जैसे मुख्य क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और क्षमता निर्माण में जुटा हुआ है। आईआईएचएमआर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में रिसर्च के अपने चैथे दशक में है। पिछले दशकों में संस्था ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों में 800 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं और अध्ययनों का संचालन किया है। इन अध्ययनों को स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों के लिहाज से अत्यंत प्रासंगिक माना गया है। आईआईएचएमआर ने ऐसे अध्ययन और परियोजनाओं के लिए असाइनमेंट/कंसल्टेंसी पर बड़े पैमाने पर काम किया है, जिन्हें विभिन्न द्विपक्षीय एजेंसियों, भारत सरकार और राज्य सरकारों का समर्थन हासिल है।

आईआईएचएमआर के रिसर्च क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रणाली, मानव संसाधन और प्रशिक्षण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली, मूल्यांकन, शिक्षा और संचार, सूचना प्रौद्योगिकी सर्वेक्षण, परियोजना कार्यान्वयन योजना, स्वास्थ्य अर्थशास्त्र और वित्तपोषण, ड्रग्स, रणनीति आदि शामिल हैं। साथ ही, एचआईवी/एड्स, पोषण, संचार व्यवहार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, स्वास्थ्य बीमा, क्वालिटी एश्योरेंस, आॅपरेशंस रिसर्च, रीप्रोडक्टिव हैल्थ और जेडर हैल्थ जैसे विषय भी शामिल हैं। इसी क्रम में आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय स्वास्थ्य क्षेत्र में पाॅलिसी और प्रोग्राम मैनेजमेंट में रिसर्च पर अपना ध्यान केंद्रित करने के प्रयासों को जारी रखता है। 

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