Saturday, Jan 18, 2025 | Last Update : 03:29 PM IST
केंद्रीय कैबिनेट में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक के तहत 15वे वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिल गई है। सीपीएसई (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) में कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाए जाने की नीति को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के वेतन में बढोतरी पर भी सहमती जताई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले से 9 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। 15वे वित्त आयोग की सिफारिशें 2020 से 2025 तक के लिए लागू होनी है।
सूत्रों के अनुसार सीपीएसई का प्रबंधन श्रमिकों के साथ मजदूरी पर संशोधन को बातचीत के लिए स्वतंत्र है। इन उपक्रमों में पांच साल या दस साल का मजदूरी समझौता 31 दिसंबर, 2016 को समाप्त हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षा में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई । कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वेतन में वृद्धि के संदर्भ में संसद में एक विधेयक पेश किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि साल 2016 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने इस बारे में सरकार को पत्र लिखा था और उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि की मांग की थी।
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