नेल्सन मंडेला प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति

Friday, Mar 29, 2024 | Last Update : 12:42 AM IST


नेल्सन मंडेला प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति

नेल्सन मंडेला ने 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर ग्रेस मेकल से विवाह किया।
May 15, 2018, 12:04 pm ISTLeadersAazad Staff
Nelson Mandela
  Nelson Mandela

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा में हुआ था। इनके पिता ‘हेनरी म्वेजो’ थे जो कस्बे के जनजातीय सरदार थे।इनकी माता का नाम नोसकेनी था। नेल्सन मंडेला 13 भाई बहन थे।

मंडेला स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को कहते थे। नेल्सन का उपनाम मंडेला बन गया। हालांकि नेल्सन नाम से पहले इनके पिता ने इनका नाम 'रोलिह्लाला' रखा था। जिसका अर्थ "उपद्रवी" होता है। मात्र 12 वर्ष की उम्र में नेल्सन मंडेला के सर से पिता का साया उठ गया।

मंडेला ने तीन शादिया की थी -  

मंडेला ने तीन शादिया की थी जिससे उन्की  6संताने हुई। इनकी पहली पत्नी का नाम एवलिन मेस था, दूसरी पत्नी का नाम विनिफ़्रेड माडिकिज़ेला मंडेला था। ये उम्र में नेल्सन से 22 साल छोटी थीं। इनकी तीसरी पत्नी का नाम ग्रासा माशेल था।ग्रासा माशेल मोज़ाम्बिक के पूर्व राष्ट्रपति समोरा माशेल की विधवा थीं।ग्रासा माशेल नेल्सन मंडेला से 27 साल छोटी थीं और बताया जाता है कि मोज़ाम्बिक के लोगों के प्रति उनकी उदारता के कारण ही वो मंडेला से शादी करना चाहती थीं।

अपनी ज़िंदगी के 27 वर्ष रॉबेन द्वीप पर कारागार में रंगभेद नीति के ख़िलाफ़ लड़ते हुए बिताए। विद्यार्थी जीवन में उन्हें रोज़ याद दिलाया जाता कि उनका रंग काला है और सिर्फ़ इसी वज़ह से वह यह काम नहीं कर सकते। उन्हें रोज़ इस बात का एहसास करवाया जाता कि अगर वे सीना तान कर सड़क पर चलेंगे तो इस अपराध के लिए उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। ऐसे अन्याय ने उनके अन्दर असंन्तोष भर दिया। एक क्रान्तिकारी तैयार हो रहा था। उन्होंने 'हेल्डटाउन' से अपनी स्नातक शिक्षा पूरी की। हेल्डटाउन अश्वेतों के लिए बनाया गया एक विशेष कॉलेज था।

 यहीं पर उनकी मुलाक़ात 'ऑलिवर टाम्बो' से हुई, जो जीवन भर के लिए उनके दोस्त और सहयोगी बन जाने वाले थे। 1940 तक नेल्सन मंडेला और ऑलिवर टाम्बो ने कॉलेज कैम्पस में अपने राजनीतिक विचारों और कार्यकलापों के लिए प्रसिद्धि पा ली। कॉलेज प्रशासन को जब इस बात का पता लगा तो दोनों को कॉलेज से निकाल दिया गया और परिसर में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 'फोर्ट हेयर' उनके क्रियाकलापों के मूर्त ग़वाह के रूप में आज भी खड़ा है। कॉलेज से निकाल दिए जाने के बाद वह माता-पिता के पास ट्राँस्की लौट आए।

देशद्रोह के आरोप में गिरफ्ता हुए नेल्सन मंडेला -

रंगभेदी सभी सीमाओं को तोड़ती जा रही थी। दक्षिण अफ़्रीका की ज़मीन अत्याचारों के रंग से सुर्ख लाल हो चुकी थी। एएनसी और दूसरे प्रमुख दल ने हथियाबन्द लड़ाई लड़ने का फ़ैसला किया। दोनों ने ही अपने लड़ाका दल विकसित करने शुरू कर दिए। नेल्सन अपनी मौलिक राह छोड़कर एक दूसरे रास्ते पर निकल पड़े, जो उनके उसूलों से मूल नहीं खाता था। एएनसी के लड़ाके दल का नाम रखा गया, "स्पीयर आफ़ दी नेशन" और नेल्सन को इस नए गुट का अध्यक्ष बना दिया गया। वे नए रास्ते पर पूरे जोश के साथ निकल पड़े।

इसके बाद मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा चला. उन पर और उनके साथियों पर ऐसे अभियोग लगे थे जिनकी वजह से उन्हें आजीवन कारावास या मौत की सज़ा भी हो सकती थी। 1962 में उन्हें पांच साल के लिए जेल भेज दिया गया।  

अश्वेतों को उनका अधिकार दिलवाने के लिए 1991 में 'कनवेंशन फॉर ए डेमोक्रेटिक साउथ अफ़्रीका' या 'कोडसा' का गठन कर दिया गया, जो देश के संविधान में आवश्यक परिवर्तन करने वाली थी। डी क्लार्क और मंडेला ने इस काम में अपनी समान भागीदारी निभाई। अपने इस उत्कृष्ट कार्य के लिए ही उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया। नेल्सन मंडेला की मृत्यु: 5 दिसम्बर, 2013 को हुई ।

सम्मान और पुरस्कार
1990 में भारत सरकार की ओर से नेल्‍सन मंडेला को भारत रत्न पुरस्कार दिया गया। अपने इस उत्कृष्ट कार्य के लिए ही 1993 में नेल्सन मंडेला और डी क्लार्क दोनों को संयुक्त रूप से शान्ति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया।

नेल्सन मंडेला के कुछ प्रेरणादायक विचार -

1. जब आप कुछ करने की ठान लेते हैं तो आप किसी भी चीज पर काबू पा सकते हैं।

2. अगर आप अपने काम के लिए समर्पित और उत्साही हैं तो सफलता आपके एक दिन कदम जरुर चूमेगी।

3. शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है, जिसका इस्तेमाल दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है।

4. पैसों से सफलता नहीं मिलती। पैसे कमाने की स्वतंत्रता से सफलता मिलती है।

5. जब तक काम किया ना जाए वो मुश्किल ही प्रतीत होता है।

...

Featured Videos!