दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश

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दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश

1952 में दिल्ली में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ था।
Jun 25, 2018, 10:16 am ISTLeadersAazad Staff
Chaudhary Brahma Prakash
  Chaudhary Brahma Prakash

दिल्ली में पहली बार विधानसभा चुनाव की घोषणा सन 1952 में की गई  थी। राज्य के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर कांग्रेस के चौधरी ब्रह्मप्रकाश चुने गए। चौधरी ब्रह्मप्रकाश ने मुख्यमंत्री का कार्यभार सन 1952 से 1955 तक सम्भाला। चौधरी ब्रह्म प्रकाश का जन्म केन्या में हुआ था। यह 16 साल की उम्र में मां-बाप संग दिल्ली आए थे।

चौधरी ब्रह्मप्रकाश ने मात्र 34 साल की उम्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यभार सम्भाल लिया था।

सन 1977 में इन्होने अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाती, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यकों का एक राष्ट्रीय संघ बनाया ताकी समाज में इन कमजोर वर्गों की भलाई के लिए कार्य किया जा सके।

सन् 2001 में भारत सरकार ने चौधरी ब्रह्मप्रकाश पर डाक टिकट निकाला। 40 वर्षों तक सहकारिता का उन्होंने मार्गदर्शन किया। वर्तमान में सहकारी दर्शन और ढांचे का विभिन्न स्तरों पर जो विकास हुआ, उसका श्रेय काफी हद तक ब्रह्म प्रकाश को जाता है। सही मायने में वे सहकारिता के अंतरराष्ट्रीय नेता थे। उन्होंने दिल्ली किसान बहुउद्देशीय सहकारी समिति, दिल्ली केंद्रीय सहकारी उपभोक्ता होल सेल स्टोर, दिल्ली राज्य सहकारी इंस्टीट्यूट (वर्तमान दिल्ली राज्य सहकारी संघ) का गठन किया। दिल्ली में सहकारिता के विकास के वह मुख्य सूत्रधार और प्रेरणा के जरिया थे।  

बता दें कि सन 1966 में दिल्ली को महानगर पालिका का  दर्जा दिया गया। दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, 1991 में संविधान में संशोधन करके इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र घोषित किया गया। वर्ष 1991 में 69वें संविधान संशोधन के अनुसार दिल्ली को 70 सदस्यों की एक विधानसभा दे दी गई जिसमें 12 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित थीं।

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