भगवान महावीर को जैन धर्म में 24वें तीर्थंकर का स्थान प्राप्त है

Thursday, Nov 14, 2024 | Last Update : 09:14 PM IST

भगवान महावीर को जैन धर्म में 24वें तीर्थंकर का स्थान प्राप्त है

भगवान महावीर का जीवन अहिंसा, संयम और सदाचार पर आधारित था।
Mar 29, 2018, 12:30 pm ISTFestivalsAazad Staff
Mahaveer Jayanti
  Mahaveer Jayanti

जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर का जन्म आज ही के दिन करीब ढाई साल पहले क्षत्रिय परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ और मां रानी त्रिशला थी।

इनके जन्म को लेकर कहा जाता है कि ये चैत्र शुक्ल पक्ष की तेरहवीं को बिहार के कुंडग्राम में इनका जन्म हुआ था। महावीर स्वामी के बचपन का नाम वर्धमान था। वे बचपन से ही वीर और साहसी थे।  इतना ही नहीं, वे बचपन से वैरागी थे जिस कारण घर में उनका मन नहीं लगता था।  कहा जाता है कि वे तीस साल की उम्र में गृह त्याग कर, दीक्षा लेकर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गये थे। जिसके बाद भगवान महावीर ने सांख्य दर्शन का अध्ययन किया। उन्होंने प्राकृतिक भाषा में पहला प्रवचन दिया था।

महावीर के जन्मदिन को महावीर स्वामी जयंती के तौर पर हर वर्ष बड़े उल्लास से मनाया जाता है। इन्होंने ज्ञान प्राप्ति के बाद 30 वर्षों तक पूरे देश में घूम कर लोगों को अपने उपदेश दिए। 72 वर्ष की उम्र में इन्हें निर्वाण प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि मृत्यु यानी निर्वाण प्राप्त करने के बाद इनके पार्थिव शरीर का क्रियाकर्म बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी में किया गया था, जहां विशाल जैन मंदिर है जो जलमंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। देश भर से जैन धर्मावलंबी वहां तीर्थयात्रा करने आते हैं।

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