Thursday, Nov 14, 2024 | Last Update : 09:15 PM IST
बकरीद की तैयारी त्यौहार के कई दिनों पहले से आरम्भ हो जाती है। परिवार के सभी सदस्यों के लिए नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस त्यौहार में बकरे की बलि देने का विधान है। अतः बकरे खरीदे जाते हैं। बकरे की कुर्बानी के बाद उसके गोश्त को तीन भागों में विभक्त किया जाता है। इसका एक भाग परिवार के लिए, दूसरा भाग संबंधियों के लिए तथा तीसरा भाग गरीबों में बाँटा जाता है। यह त्यौहार दुनिया भर में मुसलमानों के बीच काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है।
धर्म और शास्त्र में मुस्लिम धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार ईद-उल-जुहा जिसे हम बकरीद के नाम से भी जानते हैं, ईद-उल-जुहा मुसलमान कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है भगवान को पाने का सबसे प्रबल हथियार माना जाता है|
हिंदू धर्म में जहां हम कुर्बानी को त्याग से जोड़ कर देखते हैं वहीं मुस्लिम धर्म में कुर्बानी का अर्थ है खुद को खुदा के नाम पर कुर्बान कर देना यानि अपनी सबसे प्यारी चीज का त्याग करना,इसी भावना को उजागर करता है|
इस त्यौहार को मनाने के पीछे भी एक कहानी है जो दिल को छू जाती है, हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तत्पर हो जाने की याद में इस त्यौहार को मनाया जाता है, हजरत इब्राहिम को पैगंबर के रूप में जाना जाता है जो अल्लाह के सबसे करीब हैं| उन्होंने त्याग और कुर्बानी का जो उदाहरण विश्व के सामने पेश किया वह अद्वितीय है।
इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी देने के लिए कहा| हजरत इब्राहिम को लगा कि उन्हें सबसे प्रिय तो उनका बेटा है इसलिए उन्होंने अपने बेटे की ही बलि देना स्वीकार किया| हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी | जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो उन्होंने अपने पुत्र को अपने सामने जिन्दा खड़ा हुआ देखा, बेदी पर कटा हुआ मेमना पड़ा हुआ था, तभी से इस मौके पर बकरे और मेमनों की बलि देने की प्रथा है|
कुछ जगह लोग ऊंटों की भी बलि देते हैं| अवसर पर आनन्दपूर्ण उत्सव व संतुलित धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, विश्वास की इस परीक्षा के सम्मान में दुनियाभर के मुसलमान इस अवसर पर अल्लाह में अपनी आस्था दिखाने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं|
इस अवसर पर आनन्दपूर्ण उत्सव व संतुलित धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, विश्वास की इस परीक्षा के सम्मान में दुनियाभर के मुसलमान इस अवसर पर अल्लाह में अपनी आस्था दिखाने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं|
'बकरीद' मुसलमानों का एक प्रसिद्द त्यौहार है। इसे 'ईद-उल-ज़ुहा' अथवा 'ईद-उल-अज़हा' के नाम से भी जानते हैं| यह बलिदान का पर्व है। यह हर साल मुस्लिम माह जुल-हिज्जा के दसवें दिन मनाया जाता है।
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