देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का आज शाम पांच बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 साल के थे। अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि 11 जून को अटल बिहारी वाजपेयी जी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हे एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हे सांस लेने में परेशानी, यूरीन व किडनी में संक्रमण होने के कारण लाइफ सपॉर्ट सिस्टम पर रखा गया है। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और 2009 से ही व्हीलचेयर पर थे।
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में इलाज चल रहा था। एम्स के अनुभवी डॉक्?टरों की टीम उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए थे।
अटल बिहारी वाजपेयी नौ बार लोकसभा के लिए चुने गए। अटल जी 16 मई 1996 को पहली बार प्रधानमंत्री बने लेकिन लोकसभा में पूर्ण बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण 31 मई 1996 को उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा।
गौरतलब है कि भाजपा के संस्थापकों में शामिल वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। अटल बिहारी वायपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। वो बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं। 2015 में उन्हे भारत रत्न पुरस्कार के लिए भी नवाजा गया।
अटलजी की कविता : क्या खोया क्या पाया जग में
इतना काफ़ी है अंतिम दस्तक
पर ख़ुद दरवाज़ा खोलें
अपने ही मन से कुछ बोलें
मेरे प्रभु!
मुझे इतनी ऊँचाई कभी मत देना,
गैरों को गले न लगा सकूँ,
इतनी रुखाई कभी मत देना।
जन्म दिवस पर हम इठलाते
क्यों ना मरण त्यौहार मनाते
अन्तिम यात्रा के अवसर पर
आँसू का अशकुन होता है
दूर कहीं कोई रोता है