Friday, Dec 27, 2024 | Last Update : 07:52 AM IST
सोमवार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में हजारों की तादार में बांग्लादेश में छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया। भारी तादार में उमड़ी भीड को अलग करने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े। हालांकि इस प्रदर्शन की शुरुआत ढाका यूनिवर्सिटी से की गई थी।
बता दे कि बांग्लादेश में तकरीबन एक दशक से सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री शेख हसीना की राजनीति में अब तक का ये सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है। चिटगांव , खुलना , राजशाही , बारिसाल , रंगपुर , सिलहट और सावार में सरकारी विश्वविद्यालयों के छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर धरना दिया और प्रदर्शन किया।
सोमवार की रात शुरू हुई ये झड़प मंगलार की सुबह तक जारी थीं और ढाका विश्वविद्यालय रणक्षेत्र बना हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक इस झड़प में लगभग 100 से भी अधिक लोग घायल हुए है। बहरहाल जानकारी के मुताबिक घायलो को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इस हिंसा के संबंध में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
क्या है मांग -
शीर्ष पदों पर नौकरियों के लिए आरक्षण को कम कर 10 फीसदी कर दिया जाए। यह आरक्षण भेदभावपूर्ण है।
आरक्षण व्यवस्था के कारण 56 फीसदी नौकरियां देश की जनसंख्या के पांच फीसदी लोगों के लिए रख दी जाती हैं और 95 फीसदी लोग शेष 44 प्रतिशत नौकरियों के लिए जद्दोजहद करते हैं। वहीं पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के शिल्पी शेख मुजीब उर रहमान की बेटी तथा मुल्क की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरक्षण में कटौती की मांग को खारिज कर दिया है।
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