Sunday, Dec 22, 2024 | Last Update : 10:37 PM IST
देश की शान, हरियाणा के पहलवान बजरंग पूनिया ने जकार्ता एशियाई खेलों में देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया। 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती भार वर्ग के फाइनल में उन्होंने जापान के तकातानी दाईची को 11-8 मात दी। इस जीत को हासिल करने के लिए बजरंग को थोड़ी मशक्कत जरूर करनी पड़ी, लेकिन पूरी बाउट में उन्होंने जबरदस्त आक्रामकता दिखाई।
गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी बजरंग को इस वर्ग में स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। अपनी स्वर्ण पदक बाउट से पहले बजरंग ने उज्बेकिस्तान के खासानोव सिरोजिद्दीन (13-3), ताजिकिस्तान के फेजिएव अब्दुलकोसिम (12-2) और मंगोलिया के बातचुलुन्न बातमागनाई (10-0) को हराकर गोल्ड पर कब्जा जमा।
बजरंग पूनिया वही पहलवान है, जिन्होंने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पुरुषों के 65 किलोग्राम भार वर्ग गोल्ड दिलाया था। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ खेलों में सिल्वर मेडल जीता था।देश के गोल्ड ब्वॉय बजरंग पूनिया को कुश्ती विरासत में मिली है। उनके पिता बलवान पूनिया भी एक पहलवान थे, लेकिन पैसों तंगी और खराब हालातों के चलते उन्हें कभी खुद को साबित करने का मौका नहीं मिला। परिवार के खस्ता हालात तब भी बरकरार रहे जब बजरंग पहलवानी सीख रहे थे, लेकिन पिता ने अपनी तरह बेटे के अरमानों को बलि नहीं चढ़ने दी।
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