Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 05:54 PM IST
दुग्ध उत्पादन में भारत का स्थान सर्वप्रथम है। दूध उत्पादन में वैश्विक स्तर पर दूसरा स्थान अमेरिका का आता है। वहीं तीसरे स्थान पर चाईना है। भारत के दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी की रफ्तार विश्व के औसत से करीब तीन गुना ज्यादा है। सन 1960 के दशक में करीब 17-22 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था, जो वह बढ़कर वर्ष 2016-17में 163.7 मिलियन टन हो गया है।
जहां विश्व दुग्ध उत्पादन की औसत विकास दर 2.1% है वहीं भारत की दूध उत्पादन में वार्षिक विकास दर 6.3% है।
विश्व दुग्ध दिवस संपूर्ण विश्व में 1 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2001 में संयुक्त राष्ट्र आहार और कृषि संगठन के द्वारा की गई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश दूध उद्योग से जुड़ी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए अवसर प्रदान करना है। पूरे विश्व स्तर पर इस दिन को मनाया जाता है।
जलवायु परिवर्तन के कारण आ सकती है दूध के उत्पादन में कमी -
वहीं खबरों की माने तो 2020 तक दूध उत्पादन में सालाना 30 लाख टन की गिरावट आ सकती है, जिसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से दूध उत्पादन का नुकसान होगा बल्कि इससे प्रति व्यक्ति उपभोग में भी कमी आएगी।
विश्र्व दुग्ध दिवस के मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस उम्र के लोगों के लिए कितनी मात्रा में दूध लेना फायदेमंद होता है। वैसे तो यह सभी को मालूम है कि सेहत को सही तरह से पोषण देने के लिए दूध काफी कारगर होता है। लेकिन अगर सही मात्रा में दूध नहीं मिला तो इससे सेहत को कोई खास फायदा नहीं होगा।
बचपन से ही बच्चों को दूध दिया जाता है, जिससे उन्हें जरूरी विटामिंस और मिनरल्स मिल सके। दूध में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और अन्य जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिससे अंदरूनी ताकत मिलती है।
उम्र के हिसाब से दूध पिना चाहिए
0-6 महीना- रोजाना 600 मिली मां का दूध 6 महीने-1 साल- दूध की मात्रा 600-700 मिली मां का दूध 1-2 साल- एक दिन 800-900 फुल क्रीम दूध 2-3 साल- रोज दो कप दूध
4-8 साल- रोज ढाई कप दूध
9 साल से ऊपर- रोज तीन कप दूध टीनएजर्स- रोज 4 कप दूध और दूध से बनी चीजें
वयस्क- एक गिलास टोंड (कम कैलोरी के लिए) या फुल क्रीम (ज्यादा कैलोरी के लिए)