Thursday, Nov 21, 2024 | Last Update : 10:29 PM IST
मिशन इंद्रधनुष ७ जनवरी २०१८ से शुरू होने जा रहा है | जिसमे १७३ जिले और १७ शहर चुने गये है जैसे आंध्र-प्रदेश, अरुणचल-प्रदेश,असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा ,जम्मू और कश्मीर, झारखण्ड,केरला, मध्य-प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा ,राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड ,वेस्ट बंगाल|
मिशन इंद्रधनुष भारत सरकार का एक स्वास्थ्य मिशन है। यह २५ दिसंबर २०१४ को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य दो साल की आयु के बच्चों के साथ-साथ सभी गर्भवती महिलाओं को सात टीका रोकथामयोग्य बीमारियों के प्रति प्रतिकार करना है।
जिन रोगों को निशाना बनाया जा रहा है उनमें डिप्थीरिया, ऊपिंग खांसी, टेटनस, पोलियोमाइलाइटिस, तपेदिक, खसरा और हेपेटाइटिस बी हैं। इसके अलावा, चयनित राज्यों में जापानी एन्सेफलाइटिस और हैमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी के लिए टीके भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
२०१६ में चार नए अतिरिक्त रूबेला, जापानी एन्सेफलाइटिस, इंजेक्शन पोलियो वैक्सीन बैवलेंट और रोटावायरस २०१ जिलों को पहले चरण में शामिल किया गया है। इनमें से ८२ जिलों में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्य हैं। २०१ जिलों का चयन देश में सभी असंयोजित बच्चों में से लगभग ५० % है। [
मिशन पीपीआई (पल्स पोलियो प्रतिरक्षण) जैसे नियोजन और प्रशासन का पालन करता है| मिशन इंद्रधनुष को भारत में एनडीए सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक माना जा सकता है।
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