Sunday, Dec 22, 2024 | Last Update : 05:30 PM IST
एस्तेबान मुरिलो का जन्म 1617 में स्पेन के सविले शहर में हुआ था। मुरिलो का बचपन गरीबी में बीता था। उनके पिता नाई और सर्जन थे। उन्हें बचपन से ही पेंटिंग बनाना पसंद था। ये कला उन्होंने अपने अंकल से सीखी थी। बचपन में वो जो भी पेंटिंग बनाते थे वो मेले में बेच देते थे। उनके द्वारा बनाए गए पेंटिंग की लोग बहुत सराहना व तारीफ किया करते थे। मुरिलो पहले धार्मिक विषयों पर पेंटिंग बनाते थे। जिसकी काफी प्रशंसा हुई। उन्होंने इस क्षेत्र में सफलता बहुत जल्द हासिल कर ली थी।
सन 1645 तक अपनी पेटिंग के कारण उन्होंने पूरी दूनिया में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। फिर क्या था मुरिलो रोजमर्रा के जीवन पर आधारित पेंटिंग भी बनाने लगे। जिसको काफी पसंद किया जाने लगा। वो स्पेन के एंडालुसियन के जीवन को पेंटिंग के जरिए दिखाया करते थे। पेंटिंग में एस्तेबान मुरिलो की सबसे मशहूर पेंटिग्स 'टू विमेन एट अ विंडो’ काफी मशहूर हुई थी। इस पेंटिंग को उन्होंने लगभग 1655 में बनाई थी। इस पेंटिंग में एक महिला और बच्ची नजर आ रही है। दोनों खिड़की से बाहर झांक रहे हैं लेकिन महिला ने अपना मुंह ढका हुआ है। एस्तेबान मुरिलो की इस पेंटिंग को नेशनल आर्ट गैलरी में रखा गया है।
उनकी ज्यादातर पेंटिंग्स सेंट पीटर्सबर्ग के म्यूजियम में रखी हुई हैं, सोल इमैकुलेट, द लिटिल फ्रूट सेलर,ओल्ड वुमन विथ डिस्टैफ़ ऐसी पेंटिंग है जिन्हे काफी प्रसिद्ध मिली। एक वक्त ऐसा आया कि मुरिलो इतने प्रसिद्ध हो गए कि एक राजा ने उनकी आर्ट वर्क पर रोक लगा दी। मुरिलो स्पेन के बाहर कभी नहीं गए। साल 1682 में उनका निधन हो गया।
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