Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 11:43 PM IST
वृत मंत्री अरुण जेटली ने बजट सत्र 2018 के दौरान स्वास्थ्य संबंधित कई योजनाओं की शुरुआत की है। इस योजना को ही आयुष्मान योजना का नाम दिया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश गरीब वर्ग के लोगों की सहायता करना है। वहीं इस योजना को लेकर सरकार का मानना है कि इस योजना से दस करोड़ परिवारों को फायदा होगा। आपको बता दें कि इस योजना को लेकर अरुण जेटली ने कहा कि ये दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं में से एक है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत दो बाते अहम है –
स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र -
स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र के तहत लोगों के घरों के नजदीक 1.5 लाख स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र खोले जायेंगे जहाँ असंक्रामक रोगों, मातृ-स्वास्थ्य और बाल-स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ व्यापक स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाएं दी जायेंगी. परिकल्पना यह भी है कि ये केंद्र आवश्यक दवाएँ और जाँच की सुविधा मुफ्त में देंगे
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना-
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत दूसरी योजना है. इसके अन्दर 10 करोड़ निर्धन और असुरक्षित परिवार आयेंगे जिनके सदस्यों की संख्या लगभग 50 crore हो सकती है. बजट 2018 में यह प्रावधान किया गया है कि इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपयों तक के अस्पताल खर्च का वहन होगा. इस प्रकार यह कार्यक्रम विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य होगा।
आयुष्मान भारत योजना के तहत 2022 तक न्यू इंडिया को बनाने में सहायक सिद्ध माना जा रहा है इस योजना के तहत लाखों रोजगार, विशेषकर महिलाओं के लिए, सृजित कर सकेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भी घोषणा की है कि 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल बनाए जायेंगे।
आयुष्मान भारत योजना के तहत कैसे होगा बीमा-
प्रति वर्ष 10 करोड़ गरीब परिवार को उन्नत इलाज के लिए 5-5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार ने फिलहाल इस योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन करने की बात कही है। इस योजना ने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए 2008 में पेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा की जगह ली है जिसमें 30,000 रुपये का सालाना बीमा कवर दिया गया था।
इस योजना के लिए सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के 1 फीसदी बढ़े हुए सेस से आने वाला पैसा इस योजना में लगाएगी। इस 1 फीसदी सेस से सरकार को करीब 11000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
1 अप्रैल 2018 से इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा मिलेगी जोकि जल्द ही चालू होगी।
इलाज कहां कराना होगा?
इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी इलाज करा सकेगा। निजी अस्पतालों को इस योजना के साथ जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस वृहद योजना से निजी अस्पतालों को भी लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि पैसे की कमी के चलते काफी लोग सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही जाते थे जोकि अब निजी अस्पतालों में भी जा सकेंगे। साथ ही यह योजना सरकारी अस्पतालों पर बढ़ती भीड़ का दबाव भी शायद कम कर पायेगी।
इस योजना के लिए ऐसे किया जाएगा चयन-
-10 करोड़ परिवारों का चयन 2011 की जनगणना के आधार पर किये जाने के आसार हैं।
-आधार नंबर से परिवारों की सूची तैयार की जा रही है।
-सूची पूरी तरह तैयार हो जायेगी तब इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी और पहचान पत्र की जरूरत नहीं होगी।