Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 03:56 PM IST
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने महिलाओं को मातृत्व अवकाश को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अब तीसरा बच्चा होने पर मातृत्व अवकाश देने के सरकार के प्रावधान को निरस्त कर दिया है। बता दें कि हल्द्वानी निवासी नर्स की याचिका पर एकलपीठ के फैसले को सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए स्पेशल अपील दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला दिया है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश में सरकारी और गैर सरकारी विभागों में कार्यरत महिलाओं को तीसरा बच्चा होने पर मातृत्व लाभ के तहत अवकाश नहीं मिलेगा।
हल्द्वानी निवासी नर्स उर्मिला मसीह को तीसरी संतान पर मातृत्व लाभ के तहत अवकाश नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके तहत तय नियमों का हवाला देते हुए नर्स की याचिका में कहा गया था कि सरकार का बनाया नियम संविधान के अनुच्छेद-४२ के मूल-१५३ तथा मातृत्व लाभ अधिनियम की धारा-२७ का उल्लंघन करता है। एकलपीठ ने २०१८ में इस अधिनियम को अवैधानिक घोषित कर दिया था। यानि तीसरी संतान होने पर भी मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत अवकाश का लाभ मिलने लगा था।
कोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश सरकार की सेवा में कार्यरत महिलाओं को दो बच्चों के बाद मातृत्व लाभ अधिनियम के प्राविधानों के तहत अवकाश का लाभ नहीं मिलेगा। बता दें, हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सरकार का पहले का प्रावधान निरस्त किया है। एकलपीठ के फैसले को चुनौती देते हुए सरकार ने स्पेशल अपील दायर की थी।
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