Thursday, Jan 30, 2025 | Last Update : 05:32 AM IST
राजस्थान में बुधवार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने नाग मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। नाग मिसाइल तीसरी पीढ़ी की एक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) है और डीआरडीओ ने इसका परीक्षण भारतीय सेनाओं को और ताकत देने के मकसद से किया है। इस मिसाइल को रेगिस्तान की परिस्थितयों में अलग-अलग रेंज और टाइम पर दो टैंक टारगेट को भेदने में सफलता हासिल की।
इस नाग मिसाइल का वजन करीब 42 किलोग्राम है। इसकी गति 230 मीटर प्रति सेकेंड है।इसकी वजह से दुश्मन को इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। इस मिसाइल की खासियत ये है कि लॉन्च करने के बाद तुरंत बाद धुआं नहीं निकलता है।सबसे खास बात है कि इस मिसाइल को 10 साल तक बगैर किसी रखरखाव के प्रयोग किया जा सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक सतीश रेड्डी ने कहा कि विभिन्न स्थितियों में निशाना भेदने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘अलग-अलग रेंज और समय पर मरूस्थल में एटीजीएम नाग का दो टैंक को लक्ष्य कर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.’’