Monday, Nov 25, 2024 | Last Update : 07:09 PM IST
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को नागपुर में प्रहार समाज जागृति संस्था के रजत जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लड़ाई हुई तो सारे समाज को लड़ना पड़ता है। सीमा पार सैनिक जाते हैं। सबसे ज्यादा खतरा वो मोल लेते हैं।खतरा मोल के बाद भी उनकी हिम्मत कायम रहे, सामग्री कम न पड़े, अगर किसो का बलिदान हो गया तो उसका परिवार को कमी न हो, ये चिंता समज को करनी पड़ती है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत को आजादी मिलने से पहले देश के लिए जान कुर्बान करने का वक्त था। आजादी के बाद युद्ध के दौरान किसी को सीमा पर जान कुर्बान करनी होती है, लेकिन हमारे देश में इस वक्त कोई युद्ध नहीं है फिर भी सैनिक शहीद हो रहे हैं। क्योंकि हम अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘अगर कोई युद्ध नहीं है तो कोई कारण नहीं है कि कोई सैनिक सीमा पर अपनी जान गंवाए। लेकिन ऐसा हो रहा है।’उन्होंने कहा कि देश को बड़ा बनाना है तो देश के लिए जीना सीखाना होगा।
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