Saturday, Jan 18, 2025 | Last Update : 09:19 AM IST
जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव राज्यसभा की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होने कहा कि अदालत में जाने का उनका फैसला बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के किलाफ संघर्ष का हिस्सा है।उन्होंने कहा कि यह वास्तविक लड़ाई सिद्धांत की है। शरद यादव ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर दबाव के तहत काम करने का आरोप लगाया है। बहरहाल जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव और नीतीश कुमार की ये जंग कोर्ट पहुंच गई है।
चुनाव चिह्न के लिए शरद यादव और नीतीश कुमार के बीच पार्टी के चुनाव चिन्ह की जंग अब अदालत पहुंच गयी है। शरद यादव गुट ने तीर चुनाव चिन्ह नीतिश कुमार गुट को दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। गुरुवार को हाई कोर्ट ने इस बारे में चुनाव आयोग और नीतीश कुमार को नोटिस देकर जवाब मांगा है।मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।
हालांकि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होने कहा कि वह सदन और सभापति का सम्मान करते हुए उनके फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि दरअसल, शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द कर दी गई और इसकी जानकारी राज्यसभा सचिवालय ने सोमवार रात दी। नीतीश कुमार के गुट ने उपराष्ट्रपति से इन दोनों नेताओं की सदस्यता खत्म करने की अपील की थी।सदस्यता रद्द होने पर अली अनवर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी उस वक्त मिली जब वे राजकोट में एक मीटिंग में शामिल थे।
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