Saturday, Jan 18, 2025 | Last Update : 12:16 PM IST
सुप्रीम कोर्ट दहेज उत्पीड़न मामले में सीधे गिरफ्तारी के फैसले पर एक बार फिर विचार के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट ने कहा कि दहेज उत्पीड़न को लेकर पहले से ही कानून है ऐसे में जांच कैसे कि जाएं इसको लेकर गाईड़ लाईन बनाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।
न्यायालय ने कहा कि ऐसा करना अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन होगा। पीठ ने, हालांकि इस बात के संकेत दिये कि दहेज उत्पीड़न की शिकायतों पर पुलिस कार्रवाई से पहले इनकी जांच के लिए समितियां गठित करने के दो-सदस्यीय पीठ के पूर्व के निदेर्श की समीक्षा की जा सकती है।
कोर्ट इस मामले में जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा। दिशानिदेर्श में यह बताया गया था कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498ए के तहत दहेज के मामलों में पुलिस किस प्रकार कार्रवाई करे। न्यायालय ने, हालांकि कहा कि दहेज उत्पीड़न से संबंधित धारा 498ए के वैधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए किसी प्रकार के दिशानिदेर्श की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें दहेज़ उत्पीड़न के मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के सुप्रीम के फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है।
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