Tuesday, Nov 26, 2024 | Last Update : 10:14 AM IST
नागरिक संशोधन विधेयक-2016 के खिलाफ 'कृषक मुक्ति संग्राम समिति' के मुखिया अखिल गोगोई की अगुवाई में कथित तौर पर 70 संगठनों ने मिल कर आज जनता भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि एक दिन पहले प्रशासन को इन संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करने की चेदावनी दी थी। जिसके बाद सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए यहां धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू कर दिया। इसके साथ ही किसी भी तरह की अराजक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को निर्देश भी जारी किए जा चुके है। इसके बावजूद हाथों में बैनर, पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों ने गुवाहाटी स्थित जनता भवन पहुंच कर नारेबाजी की। यह विरोध प्रदर्शन संसोधन विधेयक 2016 के खिलाफ किया जा रहा है।
बता दें कि प्रस्तावित कानून को लेकर पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। नागरिकता कानून में संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान के अल्पसंखयक नागरिकों को भी आसानी से नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है जिसे लेकर काफी समय से विरोध किया जा रहा है।
इस विधेयक को लेकर केएमएसएस के अलावा असम छात्र संस्था (आसू) भी अलग से अपना आंदोलन चला रहा है। कृषक मुक्ति संग्राम समिति का आंदोलन उग्रता का रूप धारण किए हुए है, जबकि आसू का आंदोलन गणतांत्रिक तरीके से चल रहा है। आसू ने भी 20 नवम्बर को जनता भवन के सामने आंदोलन करने की धमकी दी है।
क्या है धारा 144 (निषेधाज्ञा)
सीआरपीसी की धारा-144 में यह प्रावधान किया गया है कि डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट नोटिफिकेशन जारी करता है। इसके तहत यह प्रावधान किया गया है कि जिस इलाके में निषेधाज्ञा लागू की जाती है, वहां 5 या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। ऐसा करने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। धारा-144 किसी विशेष जिला, थाना या तहसील में लगाई जा सकती है।
इसका उल्लंघन करने वाले को पुलिस धारा-107/151 के तहत गिरफ्तार करती है। गिरफ्तारी के बाद उसे इलाके के एसडीएम या एसीपी के सामने पेश किया जाता है। चूंकि यह अपराध जमानती है, इसलिए बेल बॉन्ड भरने के बाद आरोपी को रिहा करने का प्रावधान है।
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