Sunday, Nov 24, 2024 | Last Update : 01:30 PM IST
लोकसभा चुनाव के ६ चरणों का मतदान सम्पन्न हो चुका है वहीं सातवें ओर अंतिम चरण के लिए मतदान १९ मई होना है। सातवें और आखिरी चरण की वोटिंग के लिए एक तरफ जहां विभिन्न राजनीतिक दल ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश में लगे है वहीं एक तरफ सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल पर भी टिकी हुई हैं। बिते मंगलवार पश्चिम बंगाल में भाजपा की रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद मोदी और ममता की जंग चरम पर पहुंच गई है। एक तरफ जहां विपक्ष के नेता ममता के समर्थन में उतर आए है वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने ममता पर निशाना साधा है।
पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के मऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दीदी ने सत्ता का सत्यानाश कर दिया। उन्होंने कहा कि टीएमसी के गुंडों की ये दादागीरी परसों रात भी देखने को मिली है। परसों कोलकाता में भाई अमति शाह के रोड शो के दौरान टीएसी के गुंडों ने ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ दिया। ऐसा करने वालों को कठोर से कठोर सज़ा दी जानी चाहिए। सत्ता के नशे में ममता दीदी लोकतंत्र विरोधी मानसिकता में बंगाल में सब कुछ कर रही है। दीदी का रवैया तो मैं बहुत दिनों से देख रहा हूं, अब इसे पूरा देश भी देख रहा है।
गौरतलब है कि मंगलवार को बंगाल में भड़की हिंसा के विरोध में भाजपा ने दिल्ली के जंनतर मंतर पर बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया और सीएम ममता बनर्जी और तृणमूल पर जमकर निशाना साधा। वहीं दूसरी तरफ ममता ने भाजपा के खिलाफ बंगाल में विरोध प्रदर्शन कर पैदल मार्च किया और कहा कि मैं एक सेकंड में भाजपा दफ्तर और घरों में कब्जा कर सकती हूं।
बहरहाल पीएम मोदी १९ मई को ८ राज्यों की ५९ सीटों पर होने वाले मतदान के लिए आज रैलियां कर रहे है। उत्तर प्रदेश के मऊ में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी सपा -बसपा गठबंधन पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अब बुआ हो या बबुआ हो, इन लोगों ने खुद को गरीबों से इतना दूर कर लिया है, इन्होने अपने आसपास पैसे की, वैभव की और अपने दरबारियों की इतनी बड़ी दीवार खड़ी कर ली है की अब इन्हें गरीबों का दुःख नजर नहीं आता।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि मुझे सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष का नारा है मोदी हटाओ लेकिन असल में ये नारा तो महामिलावटियों का बहाना था। इन्हें अपने अपने भ्रष्टाचार के पाप को छुपाना था, इसलिए ये कोशिश कर रहे हैं कि देश में जैसे-तैसे खिचड़ी सरकार बन जाए। ये एक मजबूर सरकार चाहते थे, जिसे वो अपनी जरूरत के हिसाब से ब्लैकमेल कर सकें
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